लखनऊ. राज्यसभा सांसद और सपा नेता बेनी प्रसाद वर्मा का शुक्रवार देर शाम निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 79 साल के वर्मा सपा के संस्थापक सदस्य थे। वर्मा उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज के बड़े नेताओं में थे। सपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। यूपीए-2 सरकार में केन्द्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। 2016 में समाजवादी पार्टी में वापस लौट आए।
बेनीप्रसाद वर्मा का जन्म 11 फरवरी 1941 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सिरौली में हुआ था। पिता का नाम मोहनलाल वर्मा तथा माता का नाम रामकली वर्मा था। सन1956 में उनका मालती देवी से विवाह हुआ तथा तीन पुत्र व दो पुत्रियां हैं। प्रारंभिक शिक्षा बाराबंकी से ही पूरी हुई। इसके बाद वे लखनऊ आ गए, जहां लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
उप्र के लोक निर्माण मंत्री भी रहे
लंबे समय तक उत्तर प्रदेश राज्य में लोक निर्माण मंत्री के रूप में कार्य करते रहे। पहली बार 1992 में उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से लोकसभा का चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री बने। 1996 में वे संचार राज्यमंत्री बने। इसी वर्ष संसदीय कार्य राज्यमंत्री भी बने। 1996 में ही हुए लोकसभा चुनाव में वे फिर जीते। 1998 में उत्तरप्रदेश सपा पार्टी के प्रमुख सदस्य बने। इससे पहले वे समाजवादी पार्टी के जनरल सेक्रेटरी थे।
देवगौड़ा सरकार में संचार मंत्री रहे
1996 से 1998 तक देवगौड़ा मंत्रिमंडल में केंद्रीय संचार मंत्री के पद पर रहे। 1998 में ही वे उत्तरप्रदेश सरकार में पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट तथा संसदीय कार्य मंत्री बने। 1999 में सपा छोड़ जनता दल में शामिल होकर उसके प्रमुख बने। इसी दौरान वे जनता दल के संसदीय बोर्ड के सदस्य बने। बेनी प्रसाद वर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से 1998, 1999 और 2004 में पुन: जीत दर्ज की थी।