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कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लखनऊ जेल से 97 बंदियों को छोड़ा गया, बंदियों को छोड़ने का सिलसिला जारी

मुकेश कुमार 
लखनऊ | 
उत्तर प्रदेश के लखनऊ जेल से आज 97 बंदियों को छोड़ा गया। जेलों से बंदियों को छोड़ने का सिलसिला जारी है। जेलों में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सुप्रीम कोर्ट पर दाखिल एक रिट याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को स्वत: संज्ञान लिया था और जेलों में भीड़भाड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को एक कमेटी बनाकर 7 साल से कम सजा वाले कैदियों, बंदियों को ज़मानत और पैरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शासन ने एक समिति का गठन किया। 27 मार्च को हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में इस समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजी जेल आनंद कुमार शामिल हुए। समिति ने विचार के बाद यूपी की 71 जेलों में बंद 8500 विचाराधीन बंदी और 2500 सज़ायाफ्ता कैदियों को 8 हफ्तों के लिए तत्काल छोड़ने का निर्देश दिया।

जेलों में 8500 विचाराधीन कैदी

सात साल से कम सज़ा वाले अपराध में जेल में बंद 8500 विचाराधीन बंदियों को अंतरिम जमानत और निजी मुचलके पर 8 हफ्ते के लिए छोड़ा जाएगा तो वहीं सात साल से कम की सज़ा पाए 2500 सजायाफ्ता कैदियों को 8 हफ्ते की पैरोल पर छोड़ा जाएगा।


71 जेलों में एक लाख 10 हजार कैदी बंद

आपको बताते चलें कि यूपी की 71 जेलों में 1.1 लाख कैदी फिलहाल बंद है जबकि यूपी की जेलों की क्षमता 60 हज़ार बंदियों को रखने की है. लखनऊ जेल के सुपरिंटेंडेंट पीएन पांडे ने बताया कि अबतक लखनऊ जेल से 97 बंदियों को छोड़ा जा चुका है और कुछ बंदियों को छोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।
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