संजय सक्ससेना
लखनऊ ।
कोरोना के कहर से जहां पूरा देश लॉक डाउन है, वहीं नगर निगम, पालिकाओं, पंचायतों को अपने क्षेत्र में दवाई के छिड़काव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बावजूद स्थानीय नगर निगम शासन-प्रशासन की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा। अधिकांश स्थानों पर मात्र खानापूर्ति ही की जा रही है।
ऐसा ही कुछ हाल आशियाना कॉलोनी का है। कोरोना के एलर्ट के कई सप्ताह बाद मंगलवार सुबह ठेके के कुछ कर्मचारियों ने पीठ पर लादने वाली हैंडी मशीन से दवा का छिड़काव शुरू किया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि सैकड़ों, हजारों मकानों के बीच समुचित कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं की गई। वो भी तब आए, जब एक समाजसेवी से अधिकारियों को फोन कराया गया।
घरों के बाहर नालियों, पेड़-पौधों पर मशीन से स्प्रे करने वाले दो कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बलिया के बलवंत ठेकेदार ने उन्हें साढ़े पांच-पांच हजार रुपए पर रखा हुआ है। लोगों ने आरोप लगाया कि दवा से किसी प्रकार की गंध नहीं आ रही। उन्होंने अधिक स्प्रे करने व सही से करने को कहा तो कर्मचारियों का कहना था, कि जितनी मिली है, उतनी ही तो छिड़केंगे। लोगों ने बताया कि ठेकेदार कर्मचारियों की फोटो मोबाइल से खींच कर चला गया, अब शिकायत करे तो किससे करें? अब उच्च स्तर पर शासन प्रशासन से शिकायत की तैयारी गयी है।
लखनऊ ।
कोरोना के कहर से जहां पूरा देश लॉक डाउन है, वहीं नगर निगम, पालिकाओं, पंचायतों को अपने क्षेत्र में दवाई के छिड़काव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके बावजूद स्थानीय नगर निगम शासन-प्रशासन की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा। अधिकांश स्थानों पर मात्र खानापूर्ति ही की जा रही है।
ऐसा ही कुछ हाल आशियाना कॉलोनी का है। कोरोना के एलर्ट के कई सप्ताह बाद मंगलवार सुबह ठेके के कुछ कर्मचारियों ने पीठ पर लादने वाली हैंडी मशीन से दवा का छिड़काव शुरू किया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि सैकड़ों, हजारों मकानों के बीच समुचित कर्मचारियों की व्यवस्था नहीं की गई। वो भी तब आए, जब एक समाजसेवी से अधिकारियों को फोन कराया गया।
घरों के बाहर नालियों, पेड़-पौधों पर मशीन से स्प्रे करने वाले दो कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बलिया के बलवंत ठेकेदार ने उन्हें साढ़े पांच-पांच हजार रुपए पर रखा हुआ है। लोगों ने आरोप लगाया कि दवा से किसी प्रकार की गंध नहीं आ रही। उन्होंने अधिक स्प्रे करने व सही से करने को कहा तो कर्मचारियों का कहना था, कि जितनी मिली है, उतनी ही तो छिड़केंगे। लोगों ने बताया कि ठेकेदार कर्मचारियों की फोटो मोबाइल से खींच कर चला गया, अब शिकायत करे तो किससे करें? अब उच्च स्तर पर शासन प्रशासन से शिकायत की तैयारी गयी है।