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जान जोखिम में डालकर यूपी-बिहार के लिए निकले प्रवासी मजदूर ,सैकड़ों ने बसों की छतों पर बैठकर सफर किया

नई दिल्ली. लॉकडाउन के चलते दिल्ली, गाजियाबाद और नोएडा में फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों को अब बसों से उनके घर तक भेजने का काम शुरू हो गया है। गाजियाबाद स्थित यूपी गेट पर फंसे हजारों लोगों को शनिवार की सुबह जिला प्रशासन ने बसों में भरकर कौशांबी डिपो भेजा। यहां से इन लोगों को दूसरी बसों में बैठाकर यूपी के अलग-अलग शहरों में भेजा जा रहा है। जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो हैरान कर देने वाली हैं। सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर यहां बसों में जगह नहीं मिल पाई, तो लोग छतों पर बैठकर भी घर जाने के लिए लोग तैयार हो गए। इसमें जान का जोखिम तो है ही, संक्रमण फैलने का भी खतरा है।  सवाल यह है कि आखिर इन हालात में कोरोना संक्रमण को फैलने से कैसे रोका जा सकेगा?

गाजियाबाद से चलेंगी 1000 बसें : यूपी सरकार
यूपी गेट पर भीड़ की सूचना मिलने के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत कई अधिकारी पहुंचे। गाजियाबाद के जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, एसएसपी और पुलिस अधीक्षक नगर ने भी मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कौशांबी बस स्टैंड से एक हजार बसों को चलाने का फैसला लिया गया है। यहां से उत्तर प्रदेश के अधिकांश सभी शहरों के लिए बस चलाई जाएंगी। बस सेवा लगातार तब तक जारी रहेगी, जब तक यात्री आते रहेंगे। इसके लिए पूरे प्रदेश से बसें मंगाई गई हैं। गाजियाबाद के ही लाल कुआं से कल 100 बसें भेजने के बाद रात एक बजे से सुबह 10 बजे तक 45 और बसें अलग-अलग शहरों के लिए रवाना की गईं।

सुबह 8 बजे से हर दो घंटे में 200 बसें होंगी रवाना
यूपीएसआरटीसी के एमडी राज शेखर ने आज एक सर्कुलर जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम दिल्ली के बॉर्डर के जिले में अटके हुए लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए बसों की तैनाती कर रहा है। इन बसों ने नोएडा और गाजियाबाद पहुंचना भी शुरू कर दिया है। सुबह 8 बजे से हर 2 घंटे में लगभग 200 बसें अलग-अलग जिलों के लिए प्रस्थान करेंगी।

सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग होगी
राज शेखर ने कहा कि हम सभी जिलाधिकारियों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे उनके जिलों तक पहुंचने वाली बसों की डिटेल्स पर ध्यान दें। बसों से पहुंचने वाले सभी यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था टर्निंग प्वाइंट्स पर की जाए। आगे की निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए सभी के नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि का रिकॉर्ड रखें। कृपया सभी संबंधित जिला अधिकारियों को इस विषय में सूचित करें और समय के अनुसार आवश्यक व्यवस्था करें। 

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