वॉशिंगटन. दुनिया कोरोनावायरस के कहर से कराह रही है। संक्रमितों के इलाज में कई हेल्थ वर्कर्स और डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। अकेले इटली में शुक्रवार तक 51 डॉक्टरों की मौत की खबर है। मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों के लिए एन-95 मास्क सबसे कारगर और सुरक्षित माने गए हैं। इनकी मांग सबसे ज्यादा है लेकिन, आपूर्ति कम। अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इनकी कमी दूर करने का रास्ता खोज लिया। नए मास्क बनाने की जगह पुराने मास्क ही आसानी से 50 बार तक उपयोग किए जा सकेंगे।
साफ करना मुश्किल नहीं
ड्यूक यूनिवर्सिटी की रीजनल बायोकंटेनमेंट लेबोरेट्री टीम अब तक अमेरिकी हेल्थ वर्कर्स के लिए सैकड़ों एन-95 मास्क साफ करके उन्हें फिर इस्तेमाल के लिए दे चुकी है। इससे सरकार को भी बहुत राहत मिली है। इतना ही नहीं लेब्रोरेट्री टीम ने हॉस्पिटल्स को भी मास्क साफ करने की प्रोसेस बता दी है।
ड्यूक यूनिवर्सिटी की रीजनल बायोकंटेनमेंट लेबोरेट्री टीम अब तक अमेरिकी हेल्थ वर्कर्स के लिए सैकड़ों एन-95 मास्क साफ करके उन्हें फिर इस्तेमाल के लिए दे चुकी है। इससे सरकार को भी बहुत राहत मिली है। इतना ही नहीं लेब्रोरेट्री टीम ने हॉस्पिटल्स को भी मास्क साफ करने की प्रोसेस बता दी है।
कैसे होंगे साफ?
एन-95 जैसे बेहद उपयोगी मास्क को ‘वेपोराइज्ड हायड्रोजन परॉक्साइड’ से साफ किया जा रहा है। इससे मास्क बिल्कुल साफ हो जाते हैं। उन्हें 50 बार तक उतने ही कारगर तरीके से उपयोग किया जा सकता है। हर बार ये उतने ही सुरक्षित होते हैं जितने पहली बार थे। लेब्रोरेट्री के डायरेक्टर वायने थोमैन ने कहा, “यह तरीका कई दशकों से अपनाया जा रहा है। अब इसमें सुधार किया गया है। हां, हमने ये कभी नहीं सोचा था कि किसी वक्त हमें मास्क साफ करने के लिए भी इस तकनीक की जरूरत पड़ेगी।”
एन-95 जैसे बेहद उपयोगी मास्क को ‘वेपोराइज्ड हायड्रोजन परॉक्साइड’ से साफ किया जा रहा है। इससे मास्क बिल्कुल साफ हो जाते हैं। उन्हें 50 बार तक उतने ही कारगर तरीके से उपयोग किया जा सकता है। हर बार ये उतने ही सुरक्षित होते हैं जितने पहली बार थे। लेब्रोरेट्री के डायरेक्टर वायने थोमैन ने कहा, “यह तरीका कई दशकों से अपनाया जा रहा है। अब इसमें सुधार किया गया है। हां, हमने ये कभी नहीं सोचा था कि किसी वक्त हमें मास्क साफ करने के लिए भी इस तकनीक की जरूरत पड़ेगी।”
चार घंटे लगते हैं प्रोसेस में
वायने के मुताबिक, शुरुआती तौर पर लैब में एक साथ 500 मास्क साफ किए जा रहे हैं। इस प्रोसेस में चार घंटे लगते हैं। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि मास्क का शेप बिल्कुल न बिगड़े। शेप खराब होने पर हेल्थ टीम को पहनने में दिक्कत हो सकती है। जल्द ही यह तकनीक दूसरे देशों से साझा की जा सकती है।
वायने के मुताबिक, शुरुआती तौर पर लैब में एक साथ 500 मास्क साफ किए जा रहे हैं। इस प्रोसेस में चार घंटे लगते हैं। इस दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि मास्क का शेप बिल्कुल न बिगड़े। शेप खराब होने पर हेल्थ टीम को पहनने में दिक्कत हो सकती है। जल्द ही यह तकनीक दूसरे देशों से साझा की जा सकती है।