नई दिल्ली.
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को लगता है कि सुरेश रैना को कप्तान धोनी का सपोर्ट था। युवराज ने कहा, ‘रैना को धोनी का समर्थन प्राप्त था। हर कप्तान का पसंदीदा खिलाड़ी होता है। 2011 वर्ल्ड कप में युसूफ को शुरुआती मैचों में युवराज के साथ खेलने का मौका मिला था। कुछ मैचों बाद यूसुफ को बाहर कर रैना को शामिल किया गया।’ साथ ही युवी ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की फिर से तारीफ की और उन्हें अपना पसंदीदा कैप्टन बताया। युवी 2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। उन्होंने 9 मैच में 362 रन बनाए थे। साथ ही 15 विकेट भी हासिल किए थे।
युवराज ने स्पोर्ट्स तक से कहा, ‘‘2011 में युसूफ पठान बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे और विकेट भी ले रहे थे, जबकि रैना कुछ खास फॉर्म में नहीं थे। उनके (धोनी) पास उस समय बाएं हाथ का स्पिनर नहीं था और मैं विकेट ले रहा था, इसलिए उनके पास कोई विकल्प नहीं था।’’
‘गांगुली ने ही मेरे टेलेंट को पहचाना’
युवी ने कहा कि गांगुली ही थे, जिन्होंने उनके टेलेंट को पहचाना था। उन्होंने कहा, ‘‘दादा मेरे पसंदीदा कप्तान हैं। मैं जितने भी कप्तान के साथ खेला उनमें से दादा ने ही मेरा सबसे ज्यादा समर्थन किया। दादा युवा प्रतिभा को पहचानते थे। उन्होंने उस वक्त कहा था कि उन्हें लगता है कि चार-पांच खिलाड़ी टीम को मजबूत बना सकते हैं और वह इन खिलाड़ियों का समर्थन करते थे।’’ युवराज ने कहा, ‘‘लोगों की आपत्ति के बाद मैच रेफरी ने मेरे 6 छक्के लगाने वाले बल्ले की जांच की थी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह बल्ला मेरे लिए काफी स्पेशल है। मैंने पहले कभी ऐसे बल्ले से नहीं खेला। ना सिर्फ वो बल्ला बल्कि 2011 विश्वकप में इस्तेमाल किया गया बल्ला भी मेरे लिए बहुत मायने रखता है।’’
युवी ने कहा कि गांगुली ही थे, जिन्होंने उनके टेलेंट को पहचाना था। उन्होंने कहा, ‘‘दादा मेरे पसंदीदा कप्तान हैं। मैं जितने भी कप्तान के साथ खेला उनमें से दादा ने ही मेरा सबसे ज्यादा समर्थन किया। दादा युवा प्रतिभा को पहचानते थे। उन्होंने उस वक्त कहा था कि उन्हें लगता है कि चार-पांच खिलाड़ी टीम को मजबूत बना सकते हैं और वह इन खिलाड़ियों का समर्थन करते थे।’’ युवराज ने कहा, ‘‘लोगों की आपत्ति के बाद मैच रेफरी ने मेरे 6 छक्के लगाने वाले बल्ले की जांच की थी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह बल्ला मेरे लिए काफी स्पेशल है। मैंने पहले कभी ऐसे बल्ले से नहीं खेला। ना सिर्फ वो बल्ला बल्कि 2011 विश्वकप में इस्तेमाल किया गया बल्ला भी मेरे लिए बहुत मायने रखता है।’’