मुंबई
म्यूचुअल फंड की डेट स्कीम्स में जिन निवेशकों ने भरोसा जताकर पिछले एक सालों में निवेश किया होगा, उन्हें इस समय काफी घाटा लगा है। देश की कई म्यूचुअल फंड कंपनियों के डेट निवेश का रिटर्न अच्छा नहीं रहा है। कंपनियों द्वारा गलती और क्रेडिट रेटिंग की डाउन ग्रेडिंग के बाद विभिन्न डेट स्कीम्स से प्राप्त होने वाले रिटर्न में हफ्ते भर में 72 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि ज्यादातर डेट फंड सालाना 6-8 फीसदी रिटर्न देते हैं।
एचएनआई भी हुए आकर्षित
आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल के मुकाबले कम से कम 10 फंड हाउसों की स्कीम्स में 10 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कई एचएनआई और रिटेल निवेशक क्रेडिट रिस्क फंड्स की ओर आकर्षित हुए, जिन्होंने पिछले पांच वर्षों में कम-रेटेड पेपर्स में निवेश किए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस श्रेणी ने फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में 200-300 ज्यादा बेसिस पॉइंट का रिटर्न दिया है।
फंड | एयूएम (करोड़ रुपए) | एक साल का रिटर्न (प्रतिशत में) | 5 साल का रिटर्न |
बीओआई अक्सा क्रेडिट रिस्क | 167 | -72 | -18.4 |
बड़ौदा ट्रेजरी एडवांटेज | 55 | -43.37 | -5.15 |
यूटीआई क्रेडिट रिस्क | 711 | -29.22 | -1.07 |
निप्पोन स्ट्रेटेजिक | 908 | -28.28 | -0.84 |
आईडीबीआई क्रेडिट | 49 | -18.68 | 1.2 |
बीओआई अक्सा शॉर्ट टर्म | 41 | -19.74 | 1.39 |
जेएम लो ड्यूरेशन | 28 | -12.64 | 3.18 |
निप्पोन क्रेडिट रिस्क | 3,270 | -10.81 | -3.74 |
पीजीआईएम लो ड्यूरेशन | 93 | -10 | 4.02 |
फ्रैंकलिन टेंपल्टन से घबराए निवेशक
हाल में इनकी एनएवी (नेट असेट वैल्यू) में भारी गिरावट की वजह से निवेशकों का डेट स्कीम्स के प्रति रुझान कम हो गया था। हालांकि यदि इसमें तीन साल तक निवेशक बने रहते हैं, तो इंडेक्सेशन से होने वाले लाभों की बदौलत फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में डेट म्यूचुअल फंड पर कम कर लगाया जाता है। पिछले हफ्ते फ्रैंकलिन टेंपल्टन द्वारा एक अनिश्चित अवधि के लिए रिडेम्पशन रोकने के बाद, कई निवेशक डेट स्कीम्स, विशेष रूप से क्रेडिट जोखिम के बारे में घबरा गए हैं।
क्रेडिट रिस्क में निवेशक कम कर रहे हैं एक्सपोजर
विश्लेषकों के मुताबिक जोखिम न उठाने वाले निवेशक फिलहाल लिक्विड या ओवरनाइट कैटेगरी में निवेश कर सकते हैं। पिछले एक साल में निवेशक क्रेडिट रिस्क फंड्स में अपने एक्सपोजर को धीरे-धीरे कम कर रहे हैं। इस एयूएम अप्रैल 2019 में 79,500 करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2020 तक 55,380 करोड़ रुपये हो गया, क्योंकि समझदार निवेशक खराब क्वालिटी वाली कंपनियां जो अर्थव्यवस्था की रफ्तार को धीमा कर रही थीं, इन फंडों से बाहर निकल गए।
डेट पोर्टफोलियो की करते रहें समीक्षा
विश्लेषकों के मुताबिक निवेशकों को अपने डेट पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका एक्सपोजर क्रेडिट रिस्क फंड्स में 20 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। एक वित्तीय सलाहकार ने कहा कि एएए पेपर्स पर निवेशकों को फोकस करना चाहिए। आईएलएंडएफएस संकट से पहले तक क्रेडिट फंड काफी लोकप्रिय थे।
सितंबर 2018 से शुरू हुई समस्या
फंड मैनेजर और वितरकों ने उच्च कमीशन के कारण डेट फंड को काफी नुकसान पहुंचाया है। वैसे डेट फंड की इन मुश्किलों को तब पहली चेतावनी का संकेत माना गया था, जब सितंबर 2018 में अप्रत्याशित रूप से आईएलएंडएफएस डिफॉल्ट के रूप में आया था। इसके बाद, कई कर्जदार कंपनियां और कमजोर वित्त कंपनियां ध्वस्त हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप पेमेंट डिफ़ॉल्ट हुआ और स्कीम्स के वैल्यू में गिरावट आई।
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