नई दिल्ली
आईआईटी दिल्ली एमटेक और पीएचडी प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू लेंगे। इस साल पीजी प्रोग्राम के लिए इंटरव्यू आयोजित नहीं किए जाएंगे और गेट स्कोर के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने यह फैसला कोरोना महामारी के कारण लिया है। ऐसा पहली बार है जब आईआईटी दाखिले के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू आयोजित करेगा।
बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को बुलाना ठीक नहीं
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, आज जो हालात हैं उस स्थिति में इंटरव्यू के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को बुलाना एक खतरा है। एमटेक के लिए पहले स्टूडेंट्स के आवेदनों की स्क्रीनिंग होगी फिर इंटरव्यू रखे जाएंगे। इसके अलावा पीएचडी एडमिशन के लिए भी तय किया गया है कि शॉर्ट लिस्ट किए गए स्टूडेंट्स के इंटरव्यू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लिए जाएंगे।
सभी विभागों में वीसी के जरिए होंगे इंटरव्यू
आईआईटी के निदेशक प्रो. वी रामगोपाल राव के मुताबिक, हर साल 500 छात्रों का चयन पीएचडी प्रोगाम के लिए किया जाता है। छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण संस्थान प्राइमरी लेवल पर छात्रों को चयनित करके छात्रों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरव्यू आयोजित किया जाएगा। ऐसे में सभी विभागों में हजारों छात्रों के साक्षात्कार भी इसी माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। हालांकि एमटेक के लिए कोशिश की जा रही है कि उनको गेट के माध्यम से प्रवेश दिया जाए।
मिड सेमेस्टर के ऑनलाइन एग्जाम शुरू
आईआईटी दिल्ली के अलावा जेएनयू ने मिड सेमेस्टर के एग्जाम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं। ये एग्जाम मई के पहले सप्ताह तक चलेंगे। हालांकि कई और शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन क्लासेज और परीक्षाएं कराने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने ऑनलाइन एग्जाम कराने और क्लासेज दोनों से इनकार कर दिया है। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का कहना है कि हर छात्र-छात्राओं के पास बेहतर इंटरनेक्ट कनेक्टविटी होना मुश्किल है। ऐसे में इस माध्यम से एग्जाम कराना स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है।
आईआईटी दिल्ली के अलावा जेएनयू ने मिड सेमेस्टर के एग्जाम ऑनलाइन शुरू कर दिए हैं। ये एग्जाम मई के पहले सप्ताह तक चलेंगे। हालांकि कई और शैक्षणिक संस्थान ऑनलाइन क्लासेज और परीक्षाएं कराने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच दिल्ली यूनिवर्सिटी के टीचर्स ने ऑनलाइन एग्जाम कराने और क्लासेज दोनों से इनकार कर दिया है। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों का कहना है कि हर छात्र-छात्राओं के पास बेहतर इंटरनेक्ट कनेक्टविटी होना मुश्किल है। ऐसे में इस माध्यम से एग्जाम कराना स्टूडेंट्स के लिए मुसीबत पैदा कर सकता है।
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