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जानिए क्या है हीमोफीलिया बीमारी और इसके लक्षण


हीमोफीलिया एक विशेष प्रकार का डिसऑर्डर है जो मुख्यरूप से हमारे शरीर के खून को प्रभावित करता है। हिमोफीलिया से ग्रसित इंसान के खून में सक्रिय रूप से थक्के नहीं बन पाते हैं। जब भी किसी इंसान को अंदरूनी या बाहरी चोट लगती है और खून बहना शुरू होता है तो वह रुकता नहीं और लगातार बहता ही रहता है तो यही स्थिति हीमोफीलिया कहलाती है। इतना ही नहीं, अंदरूनी टिश्यू के डैमेज होने पर भी ब्लीडिंग होती है जो काफी देर तक होती ही रहती है और उसे रोकने में ब्लड क्लॉट सही समय पर काम नहीं करता है। इसलिए यह मेडिकल कंडीशन कभी-कभी लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है।

हीमोफीलिया के लक्षण 

इससे पीड़ित लोग इसके लक्षण को बड़ी आसानी से अपनी दिनचर्या के दौरान ही देख सकते हैं। हालांकि, यह लक्षण आम स्वास्थ्य समस्याओं की तरह ही होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे संकेत भी हैं , जिन्हें ध्यान में रखा जाए तो यह पता लगाना बहुत आसान होगा कि क्या किसी व्यक्ति को हीमोफीलिया है या नहीं? हीमोफीलिया के लक्षण को यहां बिंदुवत रूप में बताया जा रहा है।

  • सामान्य चोट और गहरी चोट लग जाने के बाद खून का लगातार बहते रहना
  • शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होना
  • शरीर के किसी भी भाग में अचानक से सूजन होना
  • मल/मूत्र में ब्लड दिखना

हीमोफीलिया का उपचार कैसे किया जा सकता है ?

सबसे पहले जिन व्यक्तियों में ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, उन्हें एक बार डॉक्टर से भी जरूर मिलना चाहिए। आपको अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, "हीमोफीलिया का इलाज मिसिंग ब्लड क्लोटिंग फैक्टर को हटाकर किया जा सकता है।" इसके अलावा इसके उपचार में इंजेक्शन का सहारा भी लिया जाता है। यह एक मेडिकल प्रक्रिया है जो डॉक्टरों की एक विशेष टीम की देखरेख में पूरी होती है।

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