संजय सक्सेना
नई दिल्ली
देश में लॉकडाऊन के बीच आवाजाही पूरी तरह से बंद है। वहीं इसी बीच रेलवे मंत्रालय ने 15 अप्रैल से संभावित ट्रेन परिचालन के मद्दनेजर कोरोना वायरस संबंधी प्रोटोकॉल तैयार कर लिए हैं। इसके तहत रेल यात्रियों को एयरपोर्ट की तर्ज पर ट्रेन छूटने 4 घंटे पहले स्टेशन आना होगा, ताकि स्टेशन पर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सके। स्टेशन पर केवल आरक्षित टिकट वाले यात्री को प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान प्लेटफार्म टिकट की बिक्री नहीं होगी।
रेलवे दस्तवेजों के अनुसार, रेलवे सिर्फ नॉन एसी ट्रेन (स्लीपर श्रेणी) ट्रेन चलाएगा। ट्रेनों में एसी श्रेणी कोच नहीं होंगे। यात्रा से 12 घंटे पहले यात्री को अपनी सेहत की जानकारी रेलवे को देना अनिवार्य होगा। कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर रेल यात्री को बीच सफर में ट्रेन से उतार दिया जाएगा। यात्री को 100 फीसदी रिफंड वापस दिया जाएगा। रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को सफर न करने का सुझाव भी देगी।
कोच में यदि यात्री में खांसी, जुकाम, बुखार आदि जैसे कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो टीटीई व अन्य रनिंग स्टाफ ऐसे यात्री को बीच रास्ते में ट्रेन रुकवा कर नीचे उतार दिया जाएगा। ट्रेन के सभी चारों दरवाजे बंद रहेंगे। इससे गैर जरुरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकेगा। ट्रेन पूरी तरह से नॉन एसी होगी और नॉन स्टाप (एक स्टेशन व दूसरे स्टेशन) चलेगी। जरुरत के मुताबिक एक अथवा दो स्टेशनों पर रोका जा सकता है। ट्रेन की कोच की साइड बर्थ खाली रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। इसके अलावा एक केबिन (छह बर्थ मिलाकर एक केबिन) में सिर्फ दो यात्री सफर करेंगे।
कोरोना पर गठित मंत्रियों के समूह के निर्देश-सुझाव के अनुसार उक्त प्रोटोकाल को यथावत अथवा बदलाव के साथ लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में 307 ट्रेन चलाने की योजना है। इसमें से एडवांस बुकिंग के चलते 133 ट्रेन में सीटे हाउसफुल होने के कारण लंबी वेटिंग चल रही हैं। वेटिंग टिकट को रद्द किया जाएगा।
यात्रियों के लिए ये सब होगा अनिवार्य
स्टेशन पर प्रवेश के दौरान रेल यात्रियों को मास्क व दस्ताने दिये जाएंगे। इसके एवज में यात्रियों से मामूली शुल्क लिया जाएगा। स्टेशन व ट्रेन में यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा, रनिंग स्टाफ को भी मास्क व दस्ताने पहनने जरुरी होंगे। कोच के भीतर बाहरी वेंडर का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा।
नई दिल्ली
देश में लॉकडाऊन के बीच आवाजाही पूरी तरह से बंद है। वहीं इसी बीच रेलवे मंत्रालय ने 15 अप्रैल से संभावित ट्रेन परिचालन के मद्दनेजर कोरोना वायरस संबंधी प्रोटोकॉल तैयार कर लिए हैं। इसके तहत रेल यात्रियों को एयरपोर्ट की तर्ज पर ट्रेन छूटने 4 घंटे पहले स्टेशन आना होगा, ताकि स्टेशन पर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जा सके। स्टेशन पर केवल आरक्षित टिकट वाले यात्री को प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान प्लेटफार्म टिकट की बिक्री नहीं होगी।
रेलवे दस्तवेजों के अनुसार, रेलवे सिर्फ नॉन एसी ट्रेन (स्लीपर श्रेणी) ट्रेन चलाएगा। ट्रेनों में एसी श्रेणी कोच नहीं होंगे। यात्रा से 12 घंटे पहले यात्री को अपनी सेहत की जानकारी रेलवे को देना अनिवार्य होगा। कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए जाने पर रेल यात्री को बीच सफर में ट्रेन से उतार दिया जाएगा। यात्री को 100 फीसदी रिफंड वापस दिया जाएगा। रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को सफर न करने का सुझाव भी देगी।
कोच में यदि यात्री में खांसी, जुकाम, बुखार आदि जैसे कोरोना वायरस जैसे लक्षण पाए जाते हैं तो टीटीई व अन्य रनिंग स्टाफ ऐसे यात्री को बीच रास्ते में ट्रेन रुकवा कर नीचे उतार दिया जाएगा। ट्रेन के सभी चारों दरवाजे बंद रहेंगे। इससे गैर जरुरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकेगा। ट्रेन पूरी तरह से नॉन एसी होगी और नॉन स्टाप (एक स्टेशन व दूसरे स्टेशन) चलेगी। जरुरत के मुताबिक एक अथवा दो स्टेशनों पर रोका जा सकता है। ट्रेन की कोच की साइड बर्थ खाली रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। इसके अलावा एक केबिन (छह बर्थ मिलाकर एक केबिन) में सिर्फ दो यात्री सफर करेंगे।
कोरोना पर गठित मंत्रियों के समूह के निर्देश-सुझाव के अनुसार उक्त प्रोटोकाल को यथावत अथवा बदलाव के साथ लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में 307 ट्रेन चलाने की योजना है। इसमें से एडवांस बुकिंग के चलते 133 ट्रेन में सीटे हाउसफुल होने के कारण लंबी वेटिंग चल रही हैं। वेटिंग टिकट को रद्द किया जाएगा।
यात्रियों के लिए ये सब होगा अनिवार्य
स्टेशन पर प्रवेश के दौरान रेल यात्रियों को मास्क व दस्ताने दिये जाएंगे। इसके एवज में यात्रियों से मामूली शुल्क लिया जाएगा। स्टेशन व ट्रेन में यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा, रनिंग स्टाफ को भी मास्क व दस्ताने पहनने जरुरी होंगे। कोच के भीतर बाहरी वेंडर का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा।