संजय सक्सेना
बिजनौर
जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय ने बताया कि श्रम विभाग में कुल पंजीकृत 96956 श्रमिकों में डीबीटी के माध्यम से आज तक 47399 कार्मिकों को ₹ 1000 प्रति दर से धनराशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा शहर में घुमन्तू प्रकृति के चिन्हित 7413 श्रमिकों को अब तक डीबीटी के माध्यम से ₹ 1000 धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण भरण की समस्या वाले व्यक्तियों को खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा आज तक 172894 अत्ंयोदय, मनरेगा मजदूरों, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों तथा शहरी क्षेत्र में घुमन्तु प्रकृति के श्रमिकों को नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण किया जा चुका है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे शेष व्यक्ति जिनके पास भरण पोषण की कोई सुविधा नहीं है, उनका चिन्हिकरण कर 11804 लोगों को प्रति ₹1000 धनराशि उपलब्ध कराकर राहत पहुँचाई गई है।
इसी प्रकार मण्डी परिषद के माध्यम से 137 मोबाईल वैन, ई-रिक्शा तथा ट्रेक्टर एवं 201 ठेला एवं हाथ गाड़ियां जनसामान्य को फल एवं सब्जी की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए प्रयोग में लाई जा रही हैं। दुग्ध विकास विभाग के माध्यम से 33263 लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष जनसामान्य तक डोर टू डोर पहुंचाने के लिए 60 दुग्ध वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है।
जिले में 631981 कार्ड धारक हैं, जिनके सापेक्ष आज तक कुल 578313 लाभार्थियों का राशन वितरित किया गया है, जबकि निःशुल्क श्रेणी के 172894 कार्डधारकों को खाद्यान्न का वितरण खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा खाद्यान्न उपब्ध कराया गया है। अति निर्धन एवं असहाय लोगों को आज 11 सरकारी कम्युनिटी किचेन द्वारा 5550 तथा 14 स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा कम्युनिटी किचेन व्यवस्था के माध्यम से 4050 नि:शुल्क पका हुआ पैकेट भोजन वितरित किया गया।
जिलाधिकारी श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि कोविड-19 के कारण लाॅक डाउन में अस्थायी रूप से जो स्क्रीनिंग कैम्प/आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं, उनमें शरण लिए हुए व्यक्तियों को आज तक कुल 6080 खाने के पैकेट वितरित कराए जा चुके हैं। इसके अलावा सभी कैंपों में सफाई एवं चिकित्सा सहित सभी आवश्यक सेवाओं की समुचित व्यवस्था का प्रबंध है। जिले में आवश्यक सामग्री एवं सेवाओं की आपूर्ति को सुनिश्चित करने तथा लाॅक डाउन पूरी तरह सफल बनाने के लिए नोडल अधिकारियों के माध्यम से सभी सेवायें पूर्ण गुणवत्ता और मानक के अनुरूप सम्पन्न कराई जा रहीं हैं।