पटना.
बिहार में कोरोना के संक्रमण को रोकने और मरीजों की खोज के लिए राज्य सरकार पल्स पोलियो की तर्ज पर अभियान चलाने जा रही है। 8 हजार से अधिक गांव में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की जाएगी। इस दौरान कोरोना के संक्रमितों की पहचान की जाएगी।
यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के साथ किए गए समीक्षा बैठक में लिया गया। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि 16 अप्रैल से स्क्रीनिंग शुरू हो जाएगी। हम हर एक मरीज को एपिसेंटर मान रहे हैं। मरीज के घर के तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी घरों तक पहुंचकर स्क्रीनिंग की जाएगी। इसी तरह 1-23 मार्च तक विदेश से जिस गांव में लोग आए हैं उस गांव के सभी घरों की स्क्रीनिंग की जाएगी।
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