संजय सक्सेना
बिजनौर
एपिडेमिक एक्ट 1897 तथा उत्तर प्रदेश एपिडेमिक डिजीज (कोविड 19) विनियमावली 2020 के संगत प्रावधानों के अंतर्गत नियमावली के लागू रहने की अवधि में प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग किया जाना अनिवार्य है, उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। यह जानकारी जिलाधिकारी रमाकांत पांडे ने दी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन चिकित्सा अनुभाग 5 के पत्र के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि कोविड 19 के संदर्भ में चिकित्सीय विशेषज्ञों द्वारा कोविड 19 से रोकथाम एवं बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को फेस कवर अर्थात मास्क पहनना आवश्यक बताया गया है। उन्होंने बताया कि एपिडेमिक एक्ट 1897 तथा उत्तर प्रदेश एपिडेमिक डिजीज (कोविड 19) विनियमावली 2020 के संगत प्रावधानों के अंतर्गत नियमावली के लागू रहने की अवधि में प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग किया जाना अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग इसके लिए किया जा सकता है या किसी साफ कपड़े से खुद ही 3 परतों वाला फेस कवर बनाया जा सकता है। इस फेस कवर को साबुन से सफाई से धोकर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फेस कवर उपलब्ध न होने की स्थिति में गमछा, रुमाल, दुपट्टा इत्यादि को भी फेस कवर के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि उपयोग में लाया हुआ फेस कवर जिसको मुंह नाक ढकने में प्रयोग में लाया गया है, पुनः प्रयोग में लाने के लिए उसे अच्छी तरह साबुन से धोया जाना आवश्यक है। बिना साबुन से अच्छी तरह धोएं किसी भी अवस्था में उसका प्रयोग न किया जाए।
उन्होंने बताया कि एन-95 मास्क का प्रयोग केवल चिकित्सा कर्मी द्वारा ही किया जाना संस्तुत है। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि बिना फेस कवर के घर से बाहर सार्वजनिक स्थल पर जाना एपिडेमिक एक्ट 1897 एवं उत्तर प्रदेश एपिडेमिक डिजीज (कोविड 19) नियमावली 2020 का उल्लंघन माना जाएगा तथा तदनुसार उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।