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शेयर बाजार बड़े उछाल के साथ बंद ,2,500 अंक चढ़ने से निवेशकों की संपत्ति 6.63 लाख करोड़ बढ़ी

मुंबई


लगातार कई सत्रों के भूचाल के बाद मंगलवार को शेयर बाजार तगड़े उछाल के साथ बंद हुआ। लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के संकेत और वैश्विक बाजारों में तेजी का घरेलू बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा, जिससे बीएसई का सेंसेक्स 2476.26 अंक (8.97%) उछलकर 30,067.21 पर, तो निफ्टी 702.10 अंकों (8.69%) की तेजी के साथ 8,785.90 पर बंद हुआ। 

कमोडिटी वायदा में भी बड़ी तेजी के रुझानों से सुधार के संकेत मिल रहे हैं। मंगलवार को शेयर बाजार में आई इस बड़ी तेजी से निवेशकों की संपत्ति में 6.63 लाख करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया गया है। बीएसई तथा एनएसई पर सभी कंपनियों के शेयर हरे निशान पर बंद हुए।
दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 30,157.65 का ऊपरी स्तर तथा 28,602.31 का निचला स्तर छुआ। वहीं निफ्टी ने 8,819.40 का उच्च स्तर और 8,360.95 का निम्न स्तर छुआ। बड़ा सवाल यह है कि बढ़ती महामारी के बावजूद शेयर बाजार में इतनी बड़ी तेजी कैसे दर्ज की गई। इस सवाल के जवाब के लिए हम निम्नलिखित बिंदुओं पर नजर डालते हैं।



लॉकडाउन में छूट
सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की खबरों से निवेशकों में भारी उत्साह देखा गया, क्योंकि इससे एक बार फिर तमाम बिजनस शुरू हो जाएगा। सरकारी के वरिष्ठ अधिकारी एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसमें कोरोना के कम जोखिम वाले राज्यों और जिलों से लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाने और जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अधिक है, वहां सख्ती बरकरार रखने की बात कही गई है। कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित दो देशों स्पेन तथा इटली में वायरस से मरने वालों की संख्या में तेजी से कमी आने की वजह से वहां के अधिकारी लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रहे हैं।

1.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश
भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा 1.3 अरब डॉलर (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) के निवेश की खबरों का भी घरेलू निवेशकों पर सकारात्मक असर पड़ा। दरअसल, विभिन्न क्षेत्रों में एफपीआई निवेश की सीमा को बढ़ा दिया गया है, जिसकी वजह से पैसिव फ्लो विदेशी निवेश में बढ़ोतरी होनी तय है। यह राहत ऐसे वक्त में सामने आ रही है, जब 1 मार्च तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से 1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं।

भारत ने दवा निर्यात से बैन हटाया
अमेरिका द्वारा बदला लेने के संकेत देने के बाद भारत ने मंगलवार को कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल में आने वाली 24 दवाओं के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया। दवाओं के निर्यात पर यह पाबंदी पिछले महीने लगाई गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पैरासिटामोल तथा इसके फॉर्म्यूलेशंस पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।

सरकार के इस फैसले के बाद फार्मा कंपनियों के शेयरों में बड़ी तेजी दर्ज की गई। केडिल हेल्थकेयर, ऑरबिंदो फार्मा, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज लबोरेट्रीज में 10-14% की तेजी की बदौलत निफ्टी फार्मा में 9.53% की तेजी देखी गई।

वैश्विक बाजारों में तेजी का माहौल
अमेरिकी शेयर बाजार तथा एशियाई शेयर बाजारों में तेजी से घरेलू शेयर बाजार को बल मिला और लगातार तीन सत्रों की गिरावट झेल रहे भारतीय बाजार में जमकर लिवाली हुई। जापान के निक्केई में 2 फीसदी की तेजी देखी गई।
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