नई दिल्ली
कोरोना वायरस से निपटने के दुनियाभर में दो ही तरीके अपनाए जा रहे हैं। लॉकडाउन और टेस्टिंग। लॉकडाउन के बलपर भारत स्थिति को कंट्रोल करने में काफी हद तक कामयाब दिख रहा है। अब टेस्टिंग में भी भारत कोई कमी नहीं छोड़नेवाला है। अगले महीने यानी मई से भारत कोरोना टेस्टिंग की करीब 20 लाख किट हर महीने बनाने में सक्षम होगा। हेल्थ मिनिस्ट्री ने यह जानकारी दी है।
इस 20 लाख में से 10 लाख किट रैपिड ऐंटीबॉडी होंगी और 10 लाख आरटी-पीसीआर वालीं। इससे भारत पर किट्स को आयात करने का बोझ कम पड़ेगा। फिलहाल भारत हर महीने 6 हजार वेंटीलेटर बना सकता है, आगे इसे भी बढ़ाने की कोशिश होगी। इतना ही नहीं भारत आनेवाले वक्त में पीपीई, ऑक्सिजन डिवाइस आदि भी मेक इन इंडिया के तर्ज पर बनाने की तैयारियों में जुट गया है।
राज्यों के साथ मिलकर मोदी सरकार कोरोना वायरस स्पेशल हॉस्पिटल की संख्या भी बढ़ाने पर काम कर रही है। शुक्रवार तक देश में 1919 कोरोना हॉस्पिटल थे। इसमें 672 सीरियस मरीजों के लिए और 1247 मॉडरेट लक्षणों वालों के लिए हैं। देश में फिलहाल 1,73,746 आइसोलेशन वॉर्ड, 21,806 आईसीयू बेड्स मौजूद हैं। फिलहाल भारत के पास 5 लाख रैपिड किट्स चीन से आई हैं। इन्हें अबतक राज्यों को बांटा जा चुका है, जहां से इन्हें जिला स्तर पर पहुंचाया गया।
कोरोना वायरस से निपटने के दुनियाभर में दो ही तरीके अपनाए जा रहे हैं। लॉकडाउन और टेस्टिंग। लॉकडाउन के बलपर भारत स्थिति को कंट्रोल करने में काफी हद तक कामयाब दिख रहा है। अब टेस्टिंग में भी भारत कोई कमी नहीं छोड़नेवाला है। अगले महीने यानी मई से भारत कोरोना टेस्टिंग की करीब 20 लाख किट हर महीने बनाने में सक्षम होगा। हेल्थ मिनिस्ट्री ने यह जानकारी दी है।
इस 20 लाख में से 10 लाख किट रैपिड ऐंटीबॉडी होंगी और 10 लाख आरटी-पीसीआर वालीं। इससे भारत पर किट्स को आयात करने का बोझ कम पड़ेगा। फिलहाल भारत हर महीने 6 हजार वेंटीलेटर बना सकता है, आगे इसे भी बढ़ाने की कोशिश होगी। इतना ही नहीं भारत आनेवाले वक्त में पीपीई, ऑक्सिजन डिवाइस आदि भी मेक इन इंडिया के तर्ज पर बनाने की तैयारियों में जुट गया है।
राज्यों के साथ मिलकर मोदी सरकार कोरोना वायरस स्पेशल हॉस्पिटल की संख्या भी बढ़ाने पर काम कर रही है। शुक्रवार तक देश में 1919 कोरोना हॉस्पिटल थे। इसमें 672 सीरियस मरीजों के लिए और 1247 मॉडरेट लक्षणों वालों के लिए हैं। देश में फिलहाल 1,73,746 आइसोलेशन वॉर्ड, 21,806 आईसीयू बेड्स मौजूद हैं। फिलहाल भारत के पास 5 लाख रैपिड किट्स चीन से आई हैं। इन्हें अबतक राज्यों को बांटा जा चुका है, जहां से इन्हें जिला स्तर पर पहुंचाया गया।