लखनऊ.
टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर धार्मिक गतिविधि करने वाले विदेशी तब्लीगी जमातियों पर योगी सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि, अब तक विदेशी जमातियों पर 45 एफआईआर हुई है। जबकि, 259 लोगों के पासपोर्ट जब्त किए गए हैं। क्वारैंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद इन्हें जेल भेजने की कार्रवाई भी चल रही है। राज्य में कोरोनावायरस का प्रकोप 49 जिलों तक पहुंच चुका है। अब तक कोविड-19 से 846 संक्रमित मिले हैं। इनमें 506 तब्लीगी जमाती हैं। जबकि, 14 की जान गई है।
हॉटस्पॉट पर डीएम-एसपी करेंगे निगरानी
एसीएस अवनीश अवस्थी ने कहा- मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी हॉटस्पॉट की समीक्षा की है। डीएम-एसपी हॉट स्पॉट की निगरानी करेंगे। बताया कि, पहले चरण में 15 जिलों में 179 हॉट स्पॉट चिन्हित किए गए। यहां 1 लाख 81 हमार मकान हैं। जिसमें 11 लाख से अधिक लोग रहते हैं। वहीं, दूसरे चरण के 25 जिलों में 93 हॉटस्पॉट चिन्हित हैं। यहां 12 लाख 88 हजार लोग रहते हैं। तीसरे चरण में भी 5 जिलों में 7 हॉटस्पॉट का चिन्हांकन किया गया है। यहां 20 हजार से अधिक घरों को चिन्हित किया गया है। इन क्षेत्रों में बेहद सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है। डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। सप्लाई की व्यवस्था बेहतर की गई है।
राज्य के तीन जनपद कोरोना फ्री
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने बताया कि, पीलीभीत, हाथरस व महाराजगंज को कोरोना फ्री हो गया है। यहां अब कोई एक्टिव केस नहीं है। उन्होंने बताया कि, गुरुवार को प्रदेश से 32 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 2962 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। हर दिन टेस्टिंग का ग्राफ बढ़ाया जा रहा है। लखनऊ, गोंडा, हरदोई, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, आगरा में पूल टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। अब तक 74 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन ने बताया कि, पीलीभीत, हाथरस व महाराजगंज को कोरोना फ्री हो गया है। यहां अब कोई एक्टिव केस नहीं है। उन्होंने बताया कि, गुरुवार को प्रदेश से 32 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से 2962 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। हर दिन टेस्टिंग का ग्राफ बढ़ाया जा रहा है। लखनऊ, गोंडा, हरदोई, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, आगरा में पूल टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। अब तक 74 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं।
पुरानी पीपीई किट के इस्तेमाल पर लगी रोक
योगी सरकार ने पूर्व में खरीदी गई पीपीई किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। एसीएस अवनीश अवस्थी ने बताया कि, पुरानी पीपीई किट के बारें में शिकायत हुई थी कि वे संक्रमण को रोक पाने में कारगर नहीं हैं। अब नई पीपीई किट पूरी तरह से सुरक्षित है। दरअसल, यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पीपीई किट भेजी गई थी। जीआईएमसी नोएडा के निदेशक व मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने किट की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। शिकायत के बाद महानिदेशक केके गुप्ता ने सभी जिलों के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखकर कहा कि कॉरपोरेशन की ओर से भेजी गई पीपीई किट का इस्तेमाल न करें।
योगी सरकार ने पूर्व में खरीदी गई पीपीई किट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। एसीएस अवनीश अवस्थी ने बताया कि, पुरानी पीपीई किट के बारें में शिकायत हुई थी कि वे संक्रमण को रोक पाने में कारगर नहीं हैं। अब नई पीपीई किट पूरी तरह से सुरक्षित है। दरअसल, यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने कई मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में पीपीई किट भेजी गई थी। जीआईएमसी नोएडा के निदेशक व मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने किट की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। शिकायत के बाद महानिदेशक केके गुप्ता ने सभी जिलों के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को चिट्ठी लिखकर कहा कि कॉरपोरेशन की ओर से भेजी गई पीपीई किट का इस्तेमाल न करें।
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