पटना
बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1079 हो गई है, जबकि 452 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इस बीमारी से अब तक सात लोगों की मौत हुई है। ट्रेन और बस से प्रवासी मजदूरों को बिहार लाया जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में मजदूर, साइकिल, ट्रक या किसी और साधन से घर लौट रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासियों से पैदल न आने की अपील की है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि क्वारैंटाइन सेंटर में हंगामा करने वाले प्रवासियों को सरकारी लाभ नहीं मिलेगा।
पैदल न आएं, थाने में फोन करें, गाड़ी मिलेगी: नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि वे क्वारैंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के लिए अभी से ही तैयारी करें। इन मजदूरों के खाते में ट्रेन किराए के साथ ही 500 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने की व्यवस्था की गई है। इसलिए लोगों को छिपकर या पैदल आने की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों द्वारा नजदीकी थाने या प्रखंड में सूचना देने पर उन्हें वाहनों के जरिए उनके गांवों तक पहुंचाने की व्यवस्था है।
क्वारैंटाइन सेंटर में 2.7 लाख लोग रह रहे
क्वारैंटाइन सेंटर में 2.7 लाख लोग रह रहे
15 मई तक 231 ट्रेन से करीब तीन लाख प्रवासी बिहार लौटे हैं। दूसरे राज्यों से लौटे छात्रों को होम क्वारैंटाइन में रहने को कहा गया है। वहीं, प्रवासी मजदूरों को उनके जिले के ब्लॉक में बने क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। राज्य के 5162 क्वारैंटाइन सेंटर में 2.7 लाख से अधिक लोग रह रहे हैं।
158 आपदा राहत केंद्र चलाए जा रहे
राज्य में 158 आपदा राहत केंद्र चलाए जा रहे हैं, जिनमें 74 हजार लोग रह रहे हैं। तीन मई के बाद बिहार आने वाले 391 प्रवासी मजदूर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें 122 दिल्ली, 105 गुजरात, 77 महाराष्ट्र, 23 पश्चिम बंगाल और 21 हरियाणा से आए हैं। शनिवार को 40 विशेष ट्रेन से 60 हजार से अधिक प्रवासी बिहार लौट रहे हैं।
हंगामा करने वाले प्रवासियों को नहीं दिया जाएगा सरकारी लाभ
राज्य सरकार ने निर्णय किया है कि हंगामा करने वाले प्रवासियों को सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि उन्हीं प्रवासियों को रेल भाड़ा और प्रतिपूर्ति की राशि मिलेगी, जो 14 दिन तक प्रखंड क्वारैंटाइन केंद्र में रहेंगे और उसके बाद फिर 7 दिन तक होम क्वारैंटाइन भी अनुशासित ढंग से पूरा करेंगे। हंगामा करने वाले मजदूरों को रेल भाड़ा और अन्य राशि नहीं मिलेगी।
राज्य सरकार ने निर्णय किया है कि हंगामा करने वाले प्रवासियों को सरकारी लाभ नहीं मिलेगा। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा गया है कि उन्हीं प्रवासियों को रेल भाड़ा और प्रतिपूर्ति की राशि मिलेगी, जो 14 दिन तक प्रखंड क्वारैंटाइन केंद्र में रहेंगे और उसके बाद फिर 7 दिन तक होम क्वारैंटाइन भी अनुशासित ढंग से पूरा करेंगे। हंगामा करने वाले मजदूरों को रेल भाड़ा और अन्य राशि नहीं मिलेगी।
100 का आंकड़ा छूने वाला पटना दूसरा जिला
राजधानी पटना के दीघा एरिया में कोरोना ने फिर दस्तक दी है। यहां की एक युवती कोरोना संक्रमित मिली है। इससे पहले भी दीघा की एक महिला कोरोना संक्रमित मिली थी। हालांकि, इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। इसके साथ ही पटना में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। इससे पहले मुंगेर में भी संक्रमितों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई थी। यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 122 है।
ऑनलाइन क्लास के लिए खुलेंगे निजी स्कूल
स्कूलों और कोचिंग क्लासेस को ऑनलाइन क्लास चलाने की अनुमति मिल गई है। स्कूल और कोचिंग में रोस्टर के हिसाब से शिक्षक आएंगे। बच्चों को स्कूल और कोचिंग संस्थान में आने पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
बक्सर में क्वारैंटाइन होने से पहले ही 37 मजदूर फरार
दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात से बक्सर पहुंचे 37 मजदूर बस चालक से मारपीट के बाद फरार हो गए। गुरुवार देर शाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बक्सर उतरने के बाद सभी को अहिरौली के बिहार पब्लिक स्कूल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। शुक्रवार सुबह उन्हें प्रतापसागर के पास स्थित मातृप्रेम बीएड कॉलेज में क्वारैंटाइन करने के लिए बस से भेजा गया था। वहां पहुंचने से पहले ही सभी ने क्वारैंटाइन सेंटर में जाने से इनकार कर दिया और बीच रास्ते में बस रुकवाने की कोशिश की।
दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात से बक्सर पहुंचे 37 मजदूर बस चालक से मारपीट के बाद फरार हो गए। गुरुवार देर शाम श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बक्सर उतरने के बाद सभी को अहिरौली के बिहार पब्लिक स्कूल में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। शुक्रवार सुबह उन्हें प्रतापसागर के पास स्थित मातृप्रेम बीएड कॉलेज में क्वारैंटाइन करने के लिए बस से भेजा गया था। वहां पहुंचने से पहले ही सभी ने क्वारैंटाइन सेंटर में जाने से इनकार कर दिया और बीच रास्ते में बस रुकवाने की कोशिश की।
बस ड्राइवर के मना करने पर उसके साथ मारपीट की और उतरकर भाग गए। एक साथ 37 मजदूरों के फरार होने की सूचना के बाद अनुमंडल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
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