लखनऊ
कोरोना संकट काल में दिल्ली, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में पलायन कर अपने गांव लौट रहे श्रमिकों को लेकर सियासत जारी है। रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने कहा- वर्तमान में मजदूरों की दुर्दश है। इन पर केंद्र व प्रदेश सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मजदूरों को उनके मालिकों ने भगा दिया, रोजगार छीन लिया तो उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया।
तब मजदूर पलायन को विवश हो गए। मजदूरों को लगा कि, जब भूख से ही मरना है तो परदेश में क्यों मरें? लेकिन सबसे बड़ी दुख की बात है कि, भाजपा व कांग्रेस ने इस मसले पर आरोप-प्रत्यारोप की घिनौनी राजनीति की, तब मुझे बोलना पड़ा। मजदूरों की दुर्दशा के लिए जितनी भाजपा जिम्मेदार है, उससे कहीं अधिक कांग्रेस जिम्मेदार है।
कांग्रेस अधिक जिम्मेदार क्यों, इसका मायावती ने दिया जवाब
मायावती ने कहा- आजादी के बाद देश व अधिकतर प्रदेशों में कांग्रेस का राज रहा। लेकिन दलित, किसान, मजदूरों को रोटी नहीं मिली तो उन्हें दूसरे राज्यों को पलायन करना पड़ा। बड़े पैमाने पर कांग्रेस की हुकूमत में पलायन हुआ। जब इसके खिलाफ आवाज मुखर की जाती थी तो कांग्रेस शासनकाल में कार्रवाई होती थी। जब जवाहरलाल नेहरू की सरकार में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कानून मंत्री थे तो उन्होंने अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की बात उठाई तो उनकी आवाज को दबा दिया गया। आखिरकार उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस शासन काल में गरीबों की उपेक्षा होती रही।
मायावती ने कहा- आजादी के बाद देश व अधिकतर प्रदेशों में कांग्रेस का राज रहा। लेकिन दलित, किसान, मजदूरों को रोटी नहीं मिली तो उन्हें दूसरे राज्यों को पलायन करना पड़ा। बड़े पैमाने पर कांग्रेस की हुकूमत में पलायन हुआ। जब इसके खिलाफ आवाज मुखर की जाती थी तो कांग्रेस शासनकाल में कार्रवाई होती थी। जब जवाहरलाल नेहरू की सरकार में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कानून मंत्री थे तो उन्होंने अति पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की बात उठाई तो उनकी आवाज को दबा दिया गया। आखिरकार उन्होंने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस शासन काल में गरीबों की उपेक्षा होती रही।