पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉकडाउन के चलते देशभर में फंसे प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा बैठक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सभी जिलों के डीएम और एसपी से जुड़े हैं। बैठक में प्रवासी मजदूरों को वापस लाने पर चर्चा हो रही है। इसके साथ ही कोरोनावायरस के संक्रमण की भी समीक्षा हो रही है। बैठक 11:30 बजे शुरू हुई। इसमें उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, मुख्य सचिव और डीजीपी भी मौजूद हैं।
तेलंगाना में फंसे झारखंड के 1200 मजदूरों को लेकर 24 डिब्बों की पहली ट्रेन झारखंड के लिए रवाना हो गई है। इस ट्रेन के चलने से बिहार के लोगों को भी ट्रेन से वापस लाने की उम्मीद जगी है। बिहार के 28 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। बिहार सरकार का कहना है कि सभी को बस से लाना संभव नहीं। बिहार के पास 20 हजार बसें हैं। अगर सारी बसें लगा दें तो भी सभी प्रवासियों को लाने में 30 दिन लगेंगे।
एक-दो दिन में बिहार के लिए भी चलेगी ट्रेन
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि भारत सरकार ने विशेष ट्रेन चलाने की शुरुआत की है। हमें पूरी उम्मीद है कि एक-दो दिन में बिहार के लिए भी ऐसी ट्रेन चलेगी।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि भारत सरकार ने विशेष ट्रेन चलाने की शुरुआत की है। हमें पूरी उम्मीद है कि एक-दो दिन में बिहार के लिए भी ऐसी ट्रेन चलेगी।
प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा के साथ लाना जरूरी
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा है कि बड़ी संख्या में मजदूर और छात्र बिहार के बाहर फंसे हैं। इसके चलते हमने केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन चलाने का निवेदन किया है। अगर बस का इस्तेमाल होता है तो उसमें क्षमता से एक तिहाई लोगों को ही सवार किया जा सकता है। लोग महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दूसरे राज्यों में फंसे हैं। इन्हें सुरक्षा के साथ वापस लाना जरूरी है।
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