लखनऊ
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न के मामले सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चहिए। मायावती ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि यूपी में चाहे आजमगढ़, कानपुर या अन्य किसी भी जिले में खासकर दलित बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न का मामला हो या फिर अन्य किसी भी जाति व धर्म की बहन-बेटी के साथ हुए उत्पीड़न का मामला हो, उसकी जितनी भी निन्दा की जाए, वह कम है। साथ ही, चाहे इसके दोषी किसी भी धर्म, जाति व पार्टी के बड़े से बड़े नेता व कितने भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो, उनके विरूद्व तुरन्त व सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चहिए। बसपा का यही कहना है और सलाह भी है।
उन्होंने आगे लिखा कि खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुए उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है। लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा।
3. खासकर अभी हाल ही में आजमगढ़ में दलित बेटी के साथ हुये उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई को लेकर यू.पी के मुख्यमंत्री देर आये पर दुरस्त आये, यह अच्छी बात है। लेकिन बहन-बेटियों के मामले में कार्रवाई आगे भी तुरन्त व समय से होनी चाहिये तो यह बेहतर होगा। 3/3
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इससे पहले दलितों के उत्पीड़न मामले में चुप्पी को लेकर सेवानिवृत्त आइपीएस बृजलाल ने बसपा प्रमुख मायावती और भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "सुश्री मायावती जी, आपने सियासी मंच पर दशकों खुद को 'दलित की बेटी' कह कर सत्ता का मजा लिया है। आज आजमगढ़ की दलित बेटियां आपको पुकार रही हैं और आप चुप हैं। 'गेस्ट हाउस कांड' की पीड़ा से कम, यह दर्द नहीं है बहन जी। बहन जी संबोधन की ही लाज रखते हुए चंद अल्फाज बोल दीजिए।"
योगी सरकार ने आरोपियों के खिलाफ लगाया एनएसए
उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले के महाराजगंज क्षेत्र में बुधवार की देर शाम छेड़खानी को लेकर दलित बस्ती के लोगों पर हुए हमले के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर गैंगस्टर और एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने का निर्देश दिया है। सीएम ने एसपी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह को फटकार भी लगाई है। सीएम के सख्त एक्शन के बाद महाराजगंज थाना प्रभारी अरविंद पांडेय को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, फरार चल रहे सात आरोपियों पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, आजमगढ़ के सिंकदरपुर आइमा गांव में बुधवार शाम वर्ग विशेष के युवक ने एक किशोरी के साथ छेड़खानी की थी। इस बात का किशोरी ने विरोध किया तो विवाद शुरू हो गया। विवाद के बाद वर्ग विशेष के लोगों ने दलित बस्ती पर लाठी-डंडा व धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में करीब 12 लोग घायल हो गए। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी पक्ष के परवेज, फैजान, नूर आलम, सदरे आलम, आरिफ, आशीफ, अल्तमश, सुहेल के खिलाफ नामजद व अन्य 10 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी पर एनएसए व गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया है।