अंबेडकरनगर.
कोरोनावायरस संकट काल में जुलूस, शोभायात्रा व सामूहिक आयोजन पर पाबंदी है। लेकिन उत्तर प्रदेश में अंबेडकरनगर जिले के एक थानेदार की विदाई की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो सरकार की मंशा व खाकी के इकबाल पर सवाल खड़े करती है। यहां रिश्वतखोरी के आरोप में हटाए गए एक थानेदार की विदाई शाही अंदाज में की गई। गाड़ियों का लंबा काफिला निकला। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। काफिले में यूपी 112 गाड़ी भी शामिल रही। पुलिसकर्मी बिना मास्क के नजर आए। वीडियो वायरल होने पर एसपी ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है।
ये है पूरा मामला
अंबेडकरनगर में टांडा सीट से भाजपा विधायक संजू देवी ने अवैध वसूली के आरोप में बसखारी के थानाध्यक्ष मनोज सिंह पर कार्रवाई के लिए मोर्चा खोल दिया था। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कार्रवाई के नाम पर मनोज सिंह को बसखारी से हटाकर उन्हें जैतपुर थाने की कमान दे दी।
अंबेडकरनगर में टांडा सीट से भाजपा विधायक संजू देवी ने अवैध वसूली के आरोप में बसखारी के थानाध्यक्ष मनोज सिंह पर कार्रवाई के लिए मोर्चा खोल दिया था। एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कार्रवाई के नाम पर मनोज सिंह को बसखारी से हटाकर उन्हें जैतपुर थाने की कमान दे दी।
किसी मंत्री की तरह मिली थी विदाई
इसके बाद दो दिन पहले शाही अंदाज में दर्जन भर गाड़ियों के काफिले के साथ विदाई में सोशल डिस्टेसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। थानेदार का रसूख कुछ इस तरह दिखाई दिया कि ये कोई राजनेता का काफिला हो। इस दौरान हूटर भी बजता रहा। थानेदार प्राइवेट गाड़ी में बैठे और काफिला आगे पीछे चलता रहा। काफिले में कई बाइकें भी थीं। विदाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वहीं, पूरे प्रकरण में एएसपी अवनीश कुमार मिश्र ने जांच कराने की बात कही है।
छह पुलिसकर्मी चिन्हित, दर्ज होगी एफआईआर
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि, मनोज सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके अलावा वायरल वीडियो की जांच में अभी प्राथमिक स्तर पर छह पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर उन पर लाइन हाजिर की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ उन पर महामारी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जाएगा।
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