प्रयागराज
कोरोना संकट काल के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के अनलॉक-फेज 1 में एक जून से संगमनगरी प्रयागराज में रोडवेज ने कमाई के लिए अपनी बसों को रोड पर उतारा। लेकिन रोडवेज के लिए यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है। यात्री न मिलने से रोडवेज की अधिकांश बसें 20-25 यात्रियों को लेकर दौड़ रही हैं। इससे रोडवेज प्रशासन को नुकसान झेलना पड़ रहा है। अफसरों का कहना है कि, डीजल का दाम भी निकालना मुश्किल हो रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने एक जून से प्रयागराज में विभिन्न मार्गों पर बसों को चलाना शुरू किया है। प्रदेश सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार, बसों में चढ़ने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। लेकिन कोरोनावायरस के चलते कम ही लोग सार्वजनिक परिवहन से सफर कर रहे हैं।
यातायात अधीक्षक डीएन पंडित ने बताया कि, यात्री कम हैं। पहले हम वाराणसी के मार्ग पर लगभग 14,000 रूपए कमाते थे, लेकिन अब केवल 6,000-7,000 रुपए। कुछ बसें नहीं चल रही हैं क्योंकि उन मार्गों पर कोई भी यात्री नहीं है। परिचालन लागत वहन करना मुश्किल है। यात्रियों के अभाव में 70-80% बसों का संचालन हो रहा है। कंडक्टर व ड्राइवर डीजल का दाम भी नहीं निकाल पा रहे हैं।
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