बलरामपुर
कोरोनावायरस महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां 42 साल के एक शख्स की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने के लिए नगर पालिका की कचरा ढोने वाली गाड़ी का इस्तेमाल किया गया।
जब पुलिस विभाग की इस करतूत का वीडियो सामने आया तो पुलिस महकमा लीपापोती में लग गया। हालांकि, मामले की जानकारी मिलने पर दरोगा रविन्द्र कुमार रमन, दो आरक्षक शुभम पटेल और शैलेन्द्र शर्मा के अलावा नगर पालिका के चार कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
यह है पूरा मामला
यह पूरा मामला जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र का है। जहां पुलिस को तहसील गेट के सामने एक अज्ञात व्यक्ति का शव होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचे उतरौला कोतवाल अनिल यादव ने शव की शिनाख्त सादुल्लाहनगर के सहजौरा में रहने वाले अनवर अली के रूप में की।
यह पूरा मामला जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र का है। जहां पुलिस को तहसील गेट के सामने एक अज्ञात व्यक्ति का शव होने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचे उतरौला कोतवाल अनिल यादव ने शव की शिनाख्त सादुल्लाहनगर के सहजौरा में रहने वाले अनवर अली के रूप में की।
इसके बाद पुलिस ने शव को एंबुलेंस या किसी अन्य गाड़ी से पोस्टमार्टम हाउस तक भेजने के बजाए नगर पालिका परिषद की मदद ली और कूड़ा गाड़ी बुलवाकर सफाई कर्मियों से शव को उसी गाड़ी में रखवाया और भेज दिया।
एसपी बोले- वीडियो देखकर जांच के आदेश दिए
एसपी देव रंजन वर्मा ने बताया- यह घटना बुधवार की है। तहसील गेट पर लाश मिलने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर गई थी। स्वास्थ्य टीम भी मौके पर गई थी। अगर वह व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध था भी तो पीपीई किट पहन कर उसे वहां से हटाया जाना चाहिए था, न कि नगरपालिका की कूड़ा गाड़ी में रखकर। घटना का वीडियो हमने और डीएम ने देखा है। हम लोगों ने संयुक्त जांच के आदेश दिए हैं।