हरिकेश यादव-संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
भेटुआ -अमेठी।
मनरेगा योजना में विकास खण्ड भेटुआ में धज्जियां उड रहीं हैं। प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जांब कार्ड धारक के बचत खाते में रूपये भेजने के बाद खुल्लम खुला बसूली होने के पूरे आसार बन रहे हैं। इस नाते ट्रैक्टर से बैसडा के भूमि खाता संख्या 333 तालाब में राजस्थान के ट्रैक्टर से मंगलवार को खुदाई शुरू हुई। ग्रामीण राम लाल यादव, शान्ति देबी, हौसिला प्रसाद यादव, हरिश चन्द्र यादव, बुद्धू यादव, सोनू, पवन कुमार आदि ने हंगामा किया तो टैक्टर से खुदाई करने आए ठेकेदार नौ दो ग्यारह हो गए।
(फोटो -तालाब की खुदाई करता हुआ ट्रैक्टर)
मामले की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी भेटुआ हरिश्चन्द्र सिंह ने कहा कि बिना लिखित शिकायत दर्ज कराये जांच-पड़ताल नहीं होगी। इस तरह से आए दिन शिकायत मिलती रहती है। जो कार्य हो रहा है,उसके लिए प्रधान और पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी होगी। प्रशासन के अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेग रहा है। धड़ल्ले से धांधली बरती जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी के मोबाइल फोन नंबर पर बात नहीं हो पाई। इस तरह से मनरेगा योजना में धांधली का व्याप्त होना मजदूरों के हक पर डाका डालने के समान है ।आखिर प्रशासनिक नुमाइंदे कार्यवाही ना करके कौन सा संदेश जनता को देना चाहते हैं।
भेटुआ -अमेठी।
मनरेगा योजना में विकास खण्ड भेटुआ में धज्जियां उड रहीं हैं। प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार नहीं दिया जा रहा है। जांब कार्ड धारक के बचत खाते में रूपये भेजने के बाद खुल्लम खुला बसूली होने के पूरे आसार बन रहे हैं। इस नाते ट्रैक्टर से बैसडा के भूमि खाता संख्या 333 तालाब में राजस्थान के ट्रैक्टर से मंगलवार को खुदाई शुरू हुई। ग्रामीण राम लाल यादव, शान्ति देबी, हौसिला प्रसाद यादव, हरिश चन्द्र यादव, बुद्धू यादव, सोनू, पवन कुमार आदि ने हंगामा किया तो टैक्टर से खुदाई करने आए ठेकेदार नौ दो ग्यारह हो गए।
(फोटो -तालाब की खुदाई करता हुआ ट्रैक्टर)
मामले की शिकायत खण्ड विकास अधिकारी भेटुआ हरिश्चन्द्र सिंह ने कहा कि बिना लिखित शिकायत दर्ज कराये जांच-पड़ताल नहीं होगी। इस तरह से आए दिन शिकायत मिलती रहती है। जो कार्य हो रहा है,उसके लिए प्रधान और पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी होगी। प्रशासन के अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेग रहा है। धड़ल्ले से धांधली बरती जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी के मोबाइल फोन नंबर पर बात नहीं हो पाई। इस तरह से मनरेगा योजना में धांधली का व्याप्त होना मजदूरों के हक पर डाका डालने के समान है ।आखिर प्रशासनिक नुमाइंदे कार्यवाही ना करके कौन सा संदेश जनता को देना चाहते हैं।
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