लखनऊ।
साथ ही राकेश तिवारी नें बोला कि जब तक कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक स्कूल नहीं खुलना चाहिए क्यूंकि बच्चो की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार जनप्रतिनिधियों के सदन जैसे विधानसभा, विधानपरिषद, संसद, राज्य सभा, नगरपालिका और जिला पंचायत खोले पर स्कूल नहीं खुलना चाहिए। विद्यालय पैसे ऐंठने के लिए ऑनलाइन पढाई का ढोंग कर रहे हैं, जिनकी फीस नहीं आ रही है उन्हें ऑनलाइन पढाई से रोका जा रहा है। जिन लोगों के घर में मल्टीमीडिया मोबाईल नहीं है उन घरों के बच्चे पढाई कैसे करें, विद्यालय अभिवावकों को बच्चों के हिंसाब से उतने मल्टीमीडिया फ़ोन का इंतज़ाम कर दे हम फीस देने को तैयार हैं ।
- लाकडाउन ने आर्थिक कमड़ तोड़ी, अभिवावक कैसे जमा करें फीस
- जब तक न आये कोरोना वैक्सीन तब तक न खुले स्कूल
- उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा हो चुके हैं विवेकहीन
- योगी सरकार जनता की सेवक नहीं
- अंतरर्राष्ट्रीय शिक्षा माफिया हैं सीएमएस प्रमुख जगदीश गांधी
- विश्वनाथ अकादमी, स्प्रिंग डेल, लखनऊ पब्लिक, नेशनल पब्लिक, स्टेला मैरी जैसे तमाम स्कूल भी उसी लिस्ट में
- लड़ाई सिर्फ लखनऊ की नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश की है
संस्था एक आवाज़ एक मिशन के संयोजक राकेश तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में अभिवावकों ने फीस माफ़ न होने के विरोध में लखनऊ के एलडीए, आशियाना व कृष्णानगर क्षेत्र में कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया। संस्था के संयोजक राकेश तिवारी का कहना है कि कुछ राज्यों में फीस माफ़ की गई है और उत्तर प्रदेश के भी सैकड़ों विद्यालयों ने ३ महीने की फीस माफ़ कर दी है पर कुछ विद्यालय जैसे सीएमएस,विश्वनाथ अकादमी, स्प्रिंग डेल, लखनऊ पब्लिक स्कूल, नेशनल पब्लिक, स्टेला मैरी जैसे विद्यालय फीस न माफ़ करने पर अड़े हुए हैं। कहीं न कहीं इन सभी विद्यालयों के प्रबंधन शिक्षा माफिया के रूप में स्थापित हैं जिनका कनेक्शन सरकार में बैठे बड़े-बड़े मंत्रियों से है, जिनकी पार्टियों को चुनाव के लिए यह विद्यालय प्रबंधन फंडिंग करते हैं।
संयोजक तिवारी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगे लाकडाउन ने लोगों की अर्थव्यवस्था पर गहरा आघात किया है जिससे मध्यम व निम्न वर्ग के लोग अपने मूल दैनिक खर्चों को ही नहीं संभाल पा रहे हैं फीस कहाँ से भरें। इस सम्बन्ध में मुख़्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री शर्मा की बातों में भी विरोधाभास लग रहा है। जहाँ सीएम योगी ने फीस देने के लिए अभिवावकों पर दबाव न डालने के लिए बोला है, वहीँ उपमुख्यमंत्री शर्मा इन शिक्षा माफियाओं के रूप में स्थापित विद्यालयों की मदद कर रहे हैं और विवेकहीन हो चुके हैं। एक आवाज़ एक मिशन की लड़ाई सिर्फ लखनऊ की नहीं, लड़ाई पूरे उत्तर प्रदेश की है। मिशन 'नो स्कूल नो फीस' के लिए लड़ रहा है और यह लड़ाई जारी रहेगी।
साथ ही राकेश तिवारी नें बोला कि जब तक कोरोना वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक स्कूल नहीं खुलना चाहिए क्यूंकि बच्चो की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार जनप्रतिनिधियों के सदन जैसे विधानसभा, विधानपरिषद, संसद, राज्य सभा, नगरपालिका और जिला पंचायत खोले पर स्कूल नहीं खुलना चाहिए। विद्यालय पैसे ऐंठने के लिए ऑनलाइन पढाई का ढोंग कर रहे हैं, जिनकी फीस नहीं आ रही है उन्हें ऑनलाइन पढाई से रोका जा रहा है। जिन लोगों के घर में मल्टीमीडिया मोबाईल नहीं है उन घरों के बच्चे पढाई कैसे करें, विद्यालय अभिवावकों को बच्चों के हिंसाब से उतने मल्टीमीडिया फ़ोन का इंतज़ाम कर दे हम फीस देने को तैयार हैं ।
संयोजक तिवारी के अनुसार सीएमएस प्रमुख जगदीश गांधी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा माफिया हैं। सूत्रों के अनुसार सीएमएस के कई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं। जब क्षेत्र को पॉजिटिव जोन घोषित किया गया तो सीएमएस गेट नंबर 1 को बैरिकेटिंग कर बंद कर दिया गया और वहीँ ७ नंबर गेट से कर्मचारियों को अंदर बुलाया जा रहा है अगर किसी कर्मचारी के साथ कोई अप्रिय घटना हो गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। सीएमएस के साथ विश्वनाथ अकादमी, स्प्रिंग डेल, लखनऊ पब्लिक स्कूल, नेशनल पब्लिक, स्टेला मैरी भी इसी लिस्ट में शामिल हैं।
संयोजक तिवारी ने कहा अगर यह लोग नहीं सम्भले तो इनके खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोला जाएगा। अब यह लड़ाई लखनऊ की नहीं, लड़ाई पूरे उत्तर प्रदेश की है।
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