शक्ति साधक - आचार्य पटवाल
फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से संबंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है।
गृह कलह के यूं तो बहुत सारे कारण होते हैं ,लेकिनज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से गृह कलह ग्रहों के दोषपूर्ण या अशुभ दशा होने अथवा भवन में एक या अनेक वास्तु दोष होने से भी गृह कलह उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।
संभावित गृह कलह के निवारण के लिए वर-कन्या के विवाह से पहले अगर सही तरीके से कुंडली में गुणों का मिलान करवा लिया जाए तो अच्छा रहता है।
फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से संबंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है।
इसके निवारण के लिए उस दोषपूर्ण ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान, मंत्र जप, पूजा-पाठ, रत्न या रुद्राक्ष धारण करने से भी लाभ मिलता है।
घर-परिवार में सुख-शांति और प्रेम भाव बनाए रखने के लिए भोजन बनाते समय सबसे पहली रोटी के बराबर चार टुकड़े करके एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को खिलाना चाहिए तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रख देना चाहिए।
पति और पत्नी के बीच झगड़ा होता हो तो घर में विधि-विधान से स्फटिक के शिवलिंग स्थापित करके 41 दिनों तक उस पर गंगा जल और बेल पत्र चढ़ाएं तथा ऊं नम: शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कु रु स्वाहा:
मंत्र का 11 माला जप करने से झगड़ा शांत होने लगता छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवादों को रोकने के लिए केवल सोमवार अथवा शनिवार के दिन गेंहू पिसवाते समय सौ ग्राम काले चने भी मिलवाएं। इसकी रोटी खाने से भी कलह दूर होता है।
यदि चंद्र ग्रह के अशुभ या दूषित होने से परिवार में अक्सर कलह रहता है तो इसके लिए रविवार रात में अपने सिरहाने स्टील या चांदी के एक गिलास में गाय का थोड़ा सा कच्चा दूध रखें और प्रात:काल उसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें।
इन उपायों के साथ-साथ घर में गूगल की धूनी देने,से भी घर का वास्तु ठीक होता है। गणेश एवं पार्वती की आराधना करने, चींटियों को शक्कर डालने, पूर्व दिशा की ओर सिरहाना करके सोने, हनुमान जी की उपासना करने, सेंधा नमक मिश्रित पानी से घर में पोछा लगाने आदि से भी गृह कलह दूर होकर शांति बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी अगर भवन में कोई वास्तु दोष है तो गृह कलह संभव है। इसके लिए घर के प्रवेश द्वार के सामने यदि कोई पेड़, नुकीला कोना, मंदिर की छाया, हैंडपंप आदि हैं तो उन्हें या तो हटवा दें अथवा अपने द्वार को ही थोड़ा इधर-उधर शिफ्ट करवा दें। घर के अंदर युद्ध, डूबती नाव, जंगली जानवर, त्रिशूल, भाले आदि के चित्र अथवा प्रतिमा रखने से बचें।
फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से संबंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है।
गृह कलह के यूं तो बहुत सारे कारण होते हैं ,लेकिनज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से गृह कलह ग्रहों के दोषपूर्ण या अशुभ दशा होने अथवा भवन में एक या अनेक वास्तु दोष होने से भी गृह कलह उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है।
संभावित गृह कलह के निवारण के लिए वर-कन्या के विवाह से पहले अगर सही तरीके से कुंडली में गुणों का मिलान करवा लिया जाए तो अच्छा रहता है।
फलित ज्योतिष के अनुसार मंगल, शनि और राहु ग्रहों के विभिन्न भावों में बैठे होने से उन भावों से संबंधित रिश्तों में मतभेद और कलह देखा जा सकता है।
इसके निवारण के लिए उस दोषपूर्ण ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान, मंत्र जप, पूजा-पाठ, रत्न या रुद्राक्ष धारण करने से भी लाभ मिलता है।
घर-परिवार में सुख-शांति और प्रेम भाव बनाए रखने के लिए भोजन बनाते समय सबसे पहली रोटी के बराबर चार टुकड़े करके एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को खिलाना चाहिए तथा चौथा टुकड़ा किसी चौराहे पर रख देना चाहिए।
पति और पत्नी के बीच झगड़ा होता हो तो घर में विधि-विधान से स्फटिक के शिवलिंग स्थापित करके 41 दिनों तक उस पर गंगा जल और बेल पत्र चढ़ाएं तथा ऊं नम: शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कु रु स्वाहा:
मंत्र का 11 माला जप करने से झगड़ा शांत होने लगता छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवादों को रोकने के लिए केवल सोमवार अथवा शनिवार के दिन गेंहू पिसवाते समय सौ ग्राम काले चने भी मिलवाएं। इसकी रोटी खाने से भी कलह दूर होता है।
यदि चंद्र ग्रह के अशुभ या दूषित होने से परिवार में अक्सर कलह रहता है तो इसके लिए रविवार रात में अपने सिरहाने स्टील या चांदी के एक गिलास में गाय का थोड़ा सा कच्चा दूध रखें और प्रात:काल उसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें।
इन उपायों के साथ-साथ घर में गूगल की धूनी देने,से भी घर का वास्तु ठीक होता है। गणेश एवं पार्वती की आराधना करने, चींटियों को शक्कर डालने, पूर्व दिशा की ओर सिरहाना करके सोने, हनुमान जी की उपासना करने, सेंधा नमक मिश्रित पानी से घर में पोछा लगाने आदि से भी गृह कलह दूर होकर शांति बनी रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भी अगर भवन में कोई वास्तु दोष है तो गृह कलह संभव है। इसके लिए घर के प्रवेश द्वार के सामने यदि कोई पेड़, नुकीला कोना, मंदिर की छाया, हैंडपंप आदि हैं तो उन्हें या तो हटवा दें अथवा अपने द्वार को ही थोड़ा इधर-उधर शिफ्ट करवा दें। घर के अंदर युद्ध, डूबती नाव, जंगली जानवर, त्रिशूल, भाले आदि के चित्र अथवा प्रतिमा रखने से बचें।
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