मंजू सिंह (विशेष संवाददाता)
लखनऊ।
राजधानी के टिकैतगंज में कई डंपर व पुकलैंड लगाकर बेखौफ धड़ल्ले से अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। पड़ताल करने पर कहा गया कि टिकैतगंज गांव में जिलाधिकारी द्वारा दो मीटर की गहराई तक दुबग्गा के बसंतकुंज में एलडीए के कार्य के लिये 22 हजार घन मीटर मिट्टी खनन की अनुमति मिली है। लेकिन खनन माफिया लेखपाल व खनन इंस्पेक्टर की आड़ में दूसरे स्थान से डंपर से मिट्टी चोरी में लगा हुआ है। एसडीएम सदर किंसू श्रीवास्तव का कहना है कि जांच टीम गठित कर दी गयी है, कार्यवाही होगी।
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया प्रशासन द्वारा मिली अनुमति की जगह न खोदकर टिकैतगंज गांव की ग्राम समाज सहित दूसरी जगहों पर दिन-रात सैकड़ों डंपर मिट्टी खोदकर खेती को बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील कर रहे हैं। चालाकी ऐसी कि दिन में वही डंपर व पुकलैंड ले जाकर अनुमति वाली जगह पर खड़े कर देते हैं। प्रति डंपर 5 हजार से 55 सौ में बेचकर शासन को चूना लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह खनन दो पुकलैंड, एक जेसीबी व 40 से 50 डंपर लगाकर किया जा रहा है।
एसडीएम मलिहाबाद विकास कुमार सिंह ने बताया कि एलडीए के कार्य के लिये मिट्टी खनन करने की अनुमति दी गयी है। अगर अनुमति की जगह खनन नहीं किया गया है तो जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी। डंपरों पर कार्यवाही का अधिकार खनन विभाग का है। इस सम्बन्ध में जब खनन इंस्पेक्टर डा0 सुशील कुमार से जानकारी लेनी चाही तो उन्होने मना कर दिया। क्षेत्रीय लेखपाल भी इस मामले पर अपने होंठ सिले हुये हैं, कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
लखनऊ।
राजधानी के टिकैतगंज में कई डंपर व पुकलैंड लगाकर बेखौफ धड़ल्ले से अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। पड़ताल करने पर कहा गया कि टिकैतगंज गांव में जिलाधिकारी द्वारा दो मीटर की गहराई तक दुबग्गा के बसंतकुंज में एलडीए के कार्य के लिये 22 हजार घन मीटर मिट्टी खनन की अनुमति मिली है। लेकिन खनन माफिया लेखपाल व खनन इंस्पेक्टर की आड़ में दूसरे स्थान से डंपर से मिट्टी चोरी में लगा हुआ है। एसडीएम सदर किंसू श्रीवास्तव का कहना है कि जांच टीम गठित कर दी गयी है, कार्यवाही होगी।
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों का आरोप है कि खनन माफिया प्रशासन द्वारा मिली अनुमति की जगह न खोदकर टिकैतगंज गांव की ग्राम समाज सहित दूसरी जगहों पर दिन-रात सैकड़ों डंपर मिट्टी खोदकर खेती को बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील कर रहे हैं। चालाकी ऐसी कि दिन में वही डंपर व पुकलैंड ले जाकर अनुमति वाली जगह पर खड़े कर देते हैं। प्रति डंपर 5 हजार से 55 सौ में बेचकर शासन को चूना लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह खनन दो पुकलैंड, एक जेसीबी व 40 से 50 डंपर लगाकर किया जा रहा है।
एसडीएम मलिहाबाद विकास कुमार सिंह ने बताया कि एलडीए के कार्य के लिये मिट्टी खनन करने की अनुमति दी गयी है। अगर अनुमति की जगह खनन नहीं किया गया है तो जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी। डंपरों पर कार्यवाही का अधिकार खनन विभाग का है। इस सम्बन्ध में जब खनन इंस्पेक्टर डा0 सुशील कुमार से जानकारी लेनी चाही तो उन्होने मना कर दिया। क्षेत्रीय लेखपाल भी इस मामले पर अपने होंठ सिले हुये हैं, कुछ भी बोलने को तैयार नहीं।
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