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न टेंडर न वर्क आर्डर फिर भी हो गया 78 लाख का काम


मंजू सिंह (विशेष संवाददाता)
लखनऊ। 

यह मामला है मार्ग प्रकाश विभाग का। जहां बिना टेंडर 78 लाख रूपये का काम होने की चर्चा है। इस काम को अंजाम देने वाले ठेकेदार की मुश्किले बढ़ेगी। नगर आयुक्त ने ठेकेदार के पिछले 5 वर्षों में सभी कार्यों की जांच के आदेश दिये। मार्ग प्रकाश विभाग, अभियंत्रण विभाग व लेखा विभाग से कामों की रिपोर्ट मांगी गयी है। जांच को लेकर नगर आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी ने मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक और मुख्य अभियंता सिविल व मुख्य वित एवं लेखाधिकारी को आदेश दिये हैं। 

इस आदेश में कहा गया है कि तेलीबाग निवासी ठेकेदार अतीकुर्ररहमान के खिलाफ नगर निगम के अधिकारियों को फोन कर झूठे आरोप लगाने हुये ब्लैकमेल कर निविदा प्रक्रियाओं को अपने पक्ष में करने की शिकायतें मिली हैं। इसे देखते हुये उक्त ठेकेदार के पिछले 5 वर्षों के कामों की सूची भेजी जाये। आदेश में ठेकेदार के मोबाइल नम्बर का भी उल्लेख किया गया है। इस पर ठेकेदार अतीकुर्ररहमान का कहना है कि मात्र उसकी ही क्यों नगर निगम प्रशासन को और भी ठेकेदारों की जांच करनी चाहिये। उसका कहना है कि फोन कर अधिकारियों को धमकाने का आरोप बेबुनियाद है। उसने किसी को ऐसा फोन नहीं किया। 

नगर आयुक्त का कहना है कि किसी भी काम का भुगतान तभी किया जाता है जब उसका टेंडर हुआ हो, वर्क ऑर्डर जारी हुआ हो और फिर मौके पर काम हुआ हो। ठेकदार अतीकर्ररहमान मार्ग प्रकाश के बिना टेंडर ही 78 लाख का काम कराये जाने की बात कहकर भुगतान का दबाव बना रहा है। इसकी जांच की गयी तो मामला यह सामाने आया कि न तो कोई टेंडर हुआ न ही कोई वर्क आर्डर दिया गया।
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