लखनऊ
योगी सरकार ने कानपुर के बिकरु गांव में डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का आलीशान किलेनुमा मकान शनिवार को उसी बुलडोजर से ढहा दिया, जिससे उसने पुलिस वालों का रास्ता रोका था। अब उसके भाई के लखनऊ के मकान को भी ढहाने की तैयारी चल रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की टीम ने कृष्णानगर स्थित मकान की नापजोख की है। एलडीए की शुरुआती जांच में पता चला है कि, विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे का यह मकान अवैध है। हालांकि, प्रशासन नियमों के तहत कार्रवाई करने की बात कह रहा है।
लखनऊ में विकास के दो मकान
लखनऊ में मकान गिराने के लिए एलडीए के प्रवर्तन विभाग के इंजीनियरों की टीम ने शनिवार की शाम मकान का निरीक्षण किया था। विकास दुबे के इन्द्रलोक कालोनी के मकान का नम्बर जे-424 और उसके भाई दीप प्रकाश दुबे के मकान नम्बर के-528 है। शासन स्तर से मिले निर्देर्शों के बाद एलडीए उपाध्यक्ष शिवाकान्त द्विवेदी और सचिव मंगला प्रसाद सिंह हरकत में आ गए हैं। अधिकारियों ने मकानों के नक्शे, मालिकाना हक, जमीन के भू-उपयोग आदि के बारे में पड़ताल शुरू की। शाम को इंजीनियरों की एक टीम दोनों मकानों का निरीक्षण करने पहुंची। इंजीनियरों ने मकानों की नापजोख भी कराई। इसी के साथ मकानों की फाइलें तलाशने का काम भी शुरू हुआ। एलडीए सूत्रों का कहना है कि देर रात विकास दुबे के भाई के मकान के-528 की फाइल मिल गई। इसका नक्शा वर्ष 1990 में पास कराया गया है। लेकिन, विकास के मकान की फाइल नहीं मिल पाई। पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया कि जिस इन्द्रलोक कालोनी में इनका मकान है, उसका विकास कृष्णा कॉलोनाइजर ने कराया था। उसने एलडीए से ले-आउट पास कराया था। फिलहाल इंजीनियरों की टीम आज रविवार को फिर मौके पर पहुंची है। एलडीए ने प्रशासन व नगर निगम से भी मामले में मालिकाना हक के बारे में जानकारी मांगी है। रात तक मकान को तोड़ने के लिए कोई ठोस आधार नहीं मिल पाया था। लेकिन, अधिकारी कोई न कोई रास्ता निकालने के प्रयास में लगे हुए थे। ताकि एक दो दिनों में मकान गिराया जा सके।
पहले नोटिस व ध्वस्तीकरण का आदेश देंगे
एलडीए के एक बड़े अधिकारी ने देर रात बताया कि प्राधिकरण जल्दबाजी में मकान नहीं तोड़ेगा। तोड़ने से पहले नोटिस व ध्वस्तीकरण आदेश पारित होगा। क्योंकि मकान के ध्वस्तीकरण का कोई पुराना आदेश नहीं मिला है। इसलिए नया आदेश जारी होगा। जवाब के लिए कुछ समय दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इसके लिए एलडीए के इंजीनियर व कर्मचारियों को रात में भी फाइलें तलाशने के लिए लगाया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने भी लिखा एलडीए को पत्र
पुलिस कमिश्नर ने भी एलडीए को पत्र लिखकर इन मकानों के बारे में जानकारी मांगी। मकान का नक्शा कब पास हुआ? जमीन व मकान किसके नाम है? इसके बारे में जानकारी देने के साथ कार्रवाई करने को कहा है। एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने इस बात की पुष्टि की है। बताया कि, एलडीए को पत्र भेजकर कार्रवाई करने को कहा गया है।
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