लखनऊ
कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। लॉकडाउन की वजह से अब तक विश्वविद्यालय नहीं खोले जा सके हैं। आगे कब खुलेंगे, इसके बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या होगा। इसको लेकर यूपी के डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा ने कई बातें स्पष्ट की हैं। उन्होंने बताया है कि अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर शेष परीक्षाएं कैंसल की जाएंगी। फर्स्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिनेश शर्मा ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में जहां परीक्षाएं हो गई थी और जहां रिजल्ट जारी किए गए थे वह पूर्ववत रहेंगे, जैसे सिद्धार्थ विवि में। कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन के पहले हो गए थे, उसमें जो नंबर पाएंगे उसके औसत के आधार पर बाकी विषय का नंबर दे दिया जाएगा। जो लोग 18 मार्च से पहले की परीक्षा में पास हैं या बैकपेपर के लिए इलिजिबल हैं, वह अगले क्लास में प्रमोट किए जाएंगे। यूजीसी के निर्देश पूरी तरह पालन किए जाएंगे। जहां यूजीसी के मानक नहीं होते, उनके लिए कुलपति की कमिटी का निर्णय लागू किया है या यूजीसी जो संभव हो अपना सकते हैं। जहां मिड डे टर्म या आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं है, कमिटी की रिपोर्ट लागू करेंगे। परीक्षा के लिए विशेष अवसर का प्रावधान होगा। अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर में अगर कोई छात्र परीक्षा में नहीं बैठ पाया तो विवि सुविधानुसार उसकी परीक्षा बाद में आयोजित करेंगे।
30 सितंबर तक परीक्षा और अक्टूबर में रिजल्ट
डेप्युटी सीएम ने कहा कि स्नातक का रिजल्ट 15 अक्टूबर तक और परास्नातक का रिजल्ट 31 अक्टूबर तक घोषित करना होगा। अंतिम वर्ष या सेमेस्टर का बैकलॉग है तो ऑनलाइन या ऑफलाइन अंतिम अनिवार्य रूप से 30 सितंबर तक परीक्षा कराएंगे। प्रथम वर्ष के परीक्षा के परिणाम 100% आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे। समस्त संकायों के प्रथम वर्ष के छात्र प्रोन्नत किए जाएंगे। वे दूसरे साल की परीक्षा में सम्मलित होंगे। दूसरे सेमेस्टर में प्रथम वर्ष के सेमेस्टर के औसत के आधार पर नंबर दिए जाएंगे।
कोरोना वायरस महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं पूरी नहीं हो पाई हैं। लॉकडाउन की वजह से अब तक विश्वविद्यालय नहीं खोले जा सके हैं। आगे कब खुलेंगे, इसके बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स समझ नहीं पा रहे हैं कि आगे क्या होगा। इसको लेकर यूपी के डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा ने कई बातें स्पष्ट की हैं। उन्होंने बताया है कि अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर शेष परीक्षाएं कैंसल की जाएंगी। फर्स्ट और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
गुरुवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिनेश शर्मा ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों में जहां परीक्षाएं हो गई थी और जहां रिजल्ट जारी किए गए थे वह पूर्ववत रहेंगे, जैसे सिद्धार्थ विवि में। कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन के पहले हो गए थे, उसमें जो नंबर पाएंगे उसके औसत के आधार पर बाकी विषय का नंबर दे दिया जाएगा। जो लोग 18 मार्च से पहले की परीक्षा में पास हैं या बैकपेपर के लिए इलिजिबल हैं, वह अगले क्लास में प्रमोट किए जाएंगे। यूजीसी के निर्देश पूरी तरह पालन किए जाएंगे। जहां यूजीसी के मानक नहीं होते, उनके लिए कुलपति की कमिटी का निर्णय लागू किया है या यूजीसी जो संभव हो अपना सकते हैं। जहां मिड डे टर्म या आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं है, कमिटी की रिपोर्ट लागू करेंगे। परीक्षा के लिए विशेष अवसर का प्रावधान होगा। अंतिम वर्ष या अंतिम सेमेस्टर में अगर कोई छात्र परीक्षा में नहीं बैठ पाया तो विवि सुविधानुसार उसकी परीक्षा बाद में आयोजित करेंगे।
30 सितंबर तक परीक्षा और अक्टूबर में रिजल्ट
डेप्युटी सीएम ने कहा कि स्नातक का रिजल्ट 15 अक्टूबर तक और परास्नातक का रिजल्ट 31 अक्टूबर तक घोषित करना होगा। अंतिम वर्ष या सेमेस्टर का बैकलॉग है तो ऑनलाइन या ऑफलाइन अंतिम अनिवार्य रूप से 30 सितंबर तक परीक्षा कराएंगे। प्रथम वर्ष के परीक्षा के परिणाम 100% आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे। समस्त संकायों के प्रथम वर्ष के छात्र प्रोन्नत किए जाएंगे। वे दूसरे साल की परीक्षा में सम्मलित होंगे। दूसरे सेमेस्टर में प्रथम वर्ष के सेमेस्टर के औसत के आधार पर नंबर दिए जाएंगे।
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