हरिकेश यादव-संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
शाहगढ़/अमेठी ।
प्रदेश सरकार गौशाला को लेकर काफी गंभीर है। गायों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन अधीनस्थ कर्मचारी की लापरवाही की वजह से गौशाला में चारे की कमी हो गई है। जिसके कारण गाय असमय मौत के मुंह में चली जा रही हैं। इन मृत गायों को सड़क के किनारे फेंक दिया जाता है जिससे आम जनमानस को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। गौशाला संरक्षक भी केवल कागजी कोरम पूरा करने में व्यस्त रहते हैं ।
(फोटो-गौशाला के अंदर मृत पड़ी गाय)
खबर अमेठी के शाहगढ ब्लाक में सृजित एक गौशाला राजापुर कौहार की है ।गौशाला के अंदर ही मरी हुई है गाय। इसको हटाने की जुर्रत न तो वहां के अधीनस्थ कर्मचारी या सेक्रेटरी और प्रधान द्वारा नहीं की जा रही है। गायों को दफनाने की बजाए उन्हें गौशाला संरक्षकों द्वारा खुले आम सड़क पर फेंक दिया गया ।
(फोटो-रास्ते में फेंकी गई मृत गाय)
जिससे प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को आवागमन में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।ऐसी तस्वीरें हमारी सरकार की व्यवस्थाओं को चुनौती दे रही हैं। गौ संरक्षण का दावा करने वाले समाजसेवी भी ऐसी तस्वीरों को अनदेखा करके चले जाते हैं। गायों की हो रही दुर्दशा से आम जनमानस पूरी तरह से आक्रोशित है। गांव के निवासी बृजेश मिश्रा, रमेश मिश्रा, अंकित पांडे व रामेश्वर आदि लोगों का मानना है कि प्रशासन को हस्तक्षेप करके गायों के लिए चारे व भूसे की व्यवस्था करनी चाहिए तथा मृत गायों को दफनाने का प्रबंध करना चाहिए ।
शाहगढ़/अमेठी ।
प्रदेश सरकार गौशाला को लेकर काफी गंभीर है। गायों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन अधीनस्थ कर्मचारी की लापरवाही की वजह से गौशाला में चारे की कमी हो गई है। जिसके कारण गाय असमय मौत के मुंह में चली जा रही हैं। इन मृत गायों को सड़क के किनारे फेंक दिया जाता है जिससे आम जनमानस को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। गौशाला संरक्षक भी केवल कागजी कोरम पूरा करने में व्यस्त रहते हैं ।
(फोटो-गौशाला के अंदर मृत पड़ी गाय)
खबर अमेठी के शाहगढ ब्लाक में सृजित एक गौशाला राजापुर कौहार की है ।गौशाला के अंदर ही मरी हुई है गाय। इसको हटाने की जुर्रत न तो वहां के अधीनस्थ कर्मचारी या सेक्रेटरी और प्रधान द्वारा नहीं की जा रही है। गायों को दफनाने की बजाए उन्हें गौशाला संरक्षकों द्वारा खुले आम सड़क पर फेंक दिया गया ।
(फोटो-रास्ते में फेंकी गई मृत गाय)
जिससे प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को आवागमन में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है ।ऐसी तस्वीरें हमारी सरकार की व्यवस्थाओं को चुनौती दे रही हैं। गौ संरक्षण का दावा करने वाले समाजसेवी भी ऐसी तस्वीरों को अनदेखा करके चले जाते हैं। गायों की हो रही दुर्दशा से आम जनमानस पूरी तरह से आक्रोशित है। गांव के निवासी बृजेश मिश्रा, रमेश मिश्रा, अंकित पांडे व रामेश्वर आदि लोगों का मानना है कि प्रशासन को हस्तक्षेप करके गायों के लिए चारे व भूसे की व्यवस्था करनी चाहिए तथा मृत गायों को दफनाने का प्रबंध करना चाहिए ।
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