सीतापुर।
सरकारी विकास की किरण ग्रामीणांचल में कितनी पहुंची व किस तरीके से सरकारी योजनाओं कालाभ लाभार्थियों को पहुंच रहा है। यह किसी से छिपा नहीं है। जिसका ज्वलंत उदाहरण कस्बा सेउता मे देखने को मिल रहा है।
जिन्होंने इस देश की आजादी के आंदोलन में भाग लिया । जेल गए। उस सूरज प्रसाद पांडे के परिवार को भी एक अदद आवास आज तक मुहैया नहीं करा सकीं। उनके लड़के सत्यानंद पान्डे की भी मृत्यु हो चुकी है। सत्यानंद पांडे के बड़े पुत्र आदेश पांडे आज भी कच्ची दीवार पर पन्नी तानकर गुजर बसर कर रहे हैं। आदेश पांडे का कहना है कि हमने जिम्मेदारों से कई बार कहा अपना टूटा फूटा घर दिखाया लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कच्चे मकान में आदेश पांडे का परिवार रह रहा है। बरसात के मौसम में कच्चे मकान के गिरने अथवा जहरीले जीवों का अधिक खतरा रहता है।
इनके पड़ोसी अनिल अवस्थी एडवोकेट ने बताया कि इनके बिषय में हमने ग्राम प्रधान से कई बार कहा भी लेकिन नहीं सुने। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार आर्थिक तंगी का दंश झेल रहा है।
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