अंजनी अग्रवाल "ओजस्वी" (कानपुर नगर)
कर्म ही धर्म का आधार।
बिन कर्म के धर्म बेकार।।
धर्म ही होता सबसे महान।
उठो छोड़ो आलस इंसान।।
सद्कर्म करो मिटेंगे दोष।
नहीं रहेगा जीवन में रोष।।
करमहि धर्म करमहि पूजा।
निष्काम कर्म से बड़ा न दूजा।।
सद्कर्म से दुष्कर्म है गलता।
धर्म कर्म से आती सफलता।।
कर्म ही धर्म का होता आधार।
बिन इसके होता जीवन बेकार।।
गर कर्म को मान लो अगर पूजा।
इससे बड़ा न कोई व्रत दूजा।।
कर्म वैदिक संस्कृति की शाला।
बिन धर्म पूजे मिले न गोपाला।।
हे मानव!सदैव कर्म करो महान।
इसी से धर्म की बनती पहचान।।