डॉ. पल्लवी, झारखंड
मुझे तो हर बातें याद है
तुमसे हुई पहली मुलाकातें याद है
याद है हर बातें वो प्यार वाली
और तुम्हारी वो आँखें काली काली
जिसे तुम मटमटाना भी भूल जाते थे
सामने देखकर मुझे
मेरे बालों की तारीफ,
मेरे गालों की तारीफ
मेरी आदाओं,मेरी मुस्कानें
और ना जाने किन किन बातों की
ताऱीफ करते नहीं थकते
और मैं पुछती सच और
शरमा कर नजरें झुका लेती
तुम्हारा मुझे गुदगुदाना,
हँसाना और नजरे मिलना
बहुत याद आता है वो गुजरा जमाना
फिर से लौटा दो वो बातें सारी
वो मुलाकातें सारी, वही मौसम,
वही दीवानापन वही दीवानगी
वही अल्हड़ता एक बार
मैं फिर से जीना चाहती हूँ
उन पलों को उन क्षणों को
ना जाने कब सांस थम जाए
कब हम जहां से विदा हो जाएं
एक बार फिर से लौट चलें
उन्हीं हसीन वादियों में
जहां सिर्फ मैं और तुम और
हमारी प्यार भरी बातें!
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