मुझे मेरी जान से बढ़कर के मेरा देश है प्यारा,
सदा गौरवशाली रहे हिंदुस्तान ये हमारा,
सजा हो देश भक्तों से सदा गुलिस्तान ये सारा,
लगे भारत में चारों ओर सदा जय हिन्द का नारा,
मेरे वतन तू मेरी जां तू है प्राणों से भी प्यारा,
आसमां से भी ऊँचा वतन मेरे गौरव रहे तेरा,
करूं रछा तेरी हरदम यही संकल्प हो मेरा,
चीर देंगे छाती दुश्मन की किया आघात जो गहरा,
बचाने सरज़मीँ अपनी देंगे रात दिन सरहद पर पहरा,
रहे मुस्कान देश में मेरी हो बस हँसता हुआ चेहरा,
सदा सजता रहे वतन के शीश पर तिरंगे का सेहरा,
कोई छीने धरती मेरी ये मुझको है नहीं गंवारा,
गिरा देंगे दुश्मन को हम जो मैदाँ में हमको ललकारा,
होगा अभिमान मुझको जो देश के लिए प्राणों को वारा,
है मुझको प्राणों से बढ़कर हिंदुस्तान ये हमारा,
अपनी धरती माँ किसी को भी कभी भी दी नहीं जाती,
बड़ी से बड़ी समस्या भी यहां से भाग है जाती,
अगर हो देश में एकता तो हर जंग जीत ली है जाती,
करूं गुणगान किन शब्दों मेैं ये समझ नहीं पाती,
समर्पित देश को अपने बस यही गीत हूँ गाती,
लुटा देती जान अपनी जो गर कुछ कर अगर पाती,
हो खुशहाली देश मेँ मेरे के ख़ुश अब हर किसान होए,
लहलहाती हो फ़सल सबकी के इतना धान अब होए,
आसमां से भी ऊँचा देश का मेरे स्वाभिमान होए,
सारी दुनिया मेँ सबसे ऊपर मेरा भारत महान होए।
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