सीतापुर।
स्वतन्त्रता संग्राम स्मृति संस्थान के तत्यावदान में स्थानीय लालबाग पार्क में शहीद दिवस का आयोजन किया गया । सभा को सम्बोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष / पूर्व विधायक हरीश बाजपेयी ने कहा कि इसी स्थान पर महात्मा गांधी के आहवान “ करो या मरो ' आन्दोलन में अंग्रेजी हुकमारानों के विरूद्ध 18 अगस्त सन् 1942 को सीतापुर के हजारों स्वाधीनता सैनानियों ने संघर्ष का बिगुल बजाया था । यहीं नहीं शहर के विद्यालयों के हजारों छात्रों द्वारा एकत्रित होकर स्थानीय प्रशासन की चूलें हिला दी थी। फलस्वरूप अंग्रेजी प्रशासन ने हो रही जनसभा को अवैध घोषित कर लाठियाँ चलाई । स्थिति काबू न होने पर स्वाधीनता के दीवानों पर क्रूरता पूर्वक गोलियाँ चलायी गयी जिसमें हजारों लोग लोहुलूहान हो गये और अनेक लोग शहीद हुए । इसी की यादगार को अक्षुण रखने हेतु सन् 1974 से अनवरत शहीद दिवस का आयोजन किया जाता है ।
श्री बाजपेयी ने 1857 में मौलाना फजल हक खैराबादी एवं 1858 के बक्शी राजा हरिप्रसाद के आन्दोलन में किये गये योगदान की चर्चा की ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वाधीनता सैनानी की पत्नी श्रीमती रामपती ने ध्वजारोहण किया । प्रख्यात स्वतन्त्रता सैनानी पं ० शिव नारायन लाल शर्मा एवं रामपती , अशोक कुमार का माल्यापर्ण कर समिति के कोषाध्यक्ष सचीन्द्र मोहन कपूर ने सैनानियों के प्रति आदर एवं शहीदों को नयन किया । शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पूर्व मंत्री रामलाल राही ने सैनानियों की स्मृति को संयोज रखने के लिए संस्थान की प्रशंसा की ।
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