तू फूल है माँ की बगिया का
एक बहन की डोर का बंधन है
तू आस है माँ की ममता की
तू बहन के मन का दर्पण है
ना जाने कितनी आस है तुझसे
बंधी अनगिनत सांस है तुझसे
परवाह है तुझमे पिता जैसी
तू जिम्मेदारी का परिवर्तन है
बल्लो सबसे तू प्यार करे
हर रिश्ते का सत्कार करे
लम्बी उम्र हो मेरे वीर की
जिसमे राखी का बन्धन है।
लेखिका - सीमा तोमर
गाज़ियाबाद
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