हरिकेश यादव -संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
अमेठी।
० लॉकडाउन डाउन उल्लंघन का आदेश
पीएम किसान सम्मान निधि मे भारी पैमाने पर हुई गड़बड़ी को दूर करने के लिए अपर मुख्य सचिव कृषि ने प्रदेश के समस्त जिले के कृषि अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से आदेशित किया कि प्रत्येक राजस्व गांव में कैंप लगाकर किसानों के इनवेलिड आधार ,मिसमैच ,ओपन रिसोर्स से पंजीकृत किसानों की त्रुटियों को संशोधित कर आख्या कार्यालय को उपलब्ध कराएं। उनके आदेश के अनुपालन में उप कृषि निदेशक अमेठी वीकेन्ड लॉकडाउन 8 और 9 अगस्त को जिले के समस्त प्राविधिक सहायक ,बीटीएम, एटीएम, एम टी , एफ डब्लयू एस एफ को आदेशित किया कि वह सुबह 10:00 से सायं 5:00 बजे तक कैंप लगा कर किसानों की समस्याओं को दूर करें ।इस कार्य के लिए 151 कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। जिसमें गौरीगंज के 11 ,जामो के 12, शाहगढ़ के 9,बाजार शुकुल के 7, मुसाफिरखाना के 9, जगदीशपुर के 10 ,तिलोई के 10,भेंटुवा के 6, अमेठी के 8,भादर के 8, सिंहपुर के 8, संग्रामपुर के 6 , बहादुरपुर के 8 कर्मचारियों को लगाया गया है। जिससे पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा उनके खातों में भेजा जा सके।

लॉकडाउन में कैंप लगा कर किसानों की समस्याओं को दूर करने उप कृषि निदेशक अमेठी के मनमानी आदेश से कृषि विभाग के कर्मचारी हैरान और परेशान हैं ।उन्हें कोई पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई है ,ना ही उन्हें मास्क व सैनिटाइजर विभाग से उपलब्ध कराया गया है। बिना सुरक्षा किट के वह किसानों की समस्याओं को कैसे दूर करें। जब अमेठी में कोरोना इस समय विस्फोटकों महामारी के रूप में अपना पैर पसार रहा है। अभी कल आए रिपोर्ट के अनुसार 49 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित पाये गए। ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना सरकारी कर्मचारियों को भारी पड़ सकता है ।गांव में ज्यादातर लोग का कोरोना टेस्ट नहीं कराया ।जिससे इस महामारी के पैर पसारने का पूरी तरह से खुला निमंत्रण मिला हुआ है ।किसानों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कहीं विभाग को भारी न पड़ जाए। इस बारे में जब उप कृषि निदेशक अमेठी के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।
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