लेखिका- अन्जनी अग्रवाल ओजस्वी
कानपुर, उत्तर प्रदेश
राम मंदिर का ये सिर्फ
एक भूमि पूजन ही नही
अयोध्या की सरयू पर
रघुकुल के निवास का प्रतीक है
पांच अगस्त एक तिथि नही
अमृत की वर्षा वाणी है
ये निर्माण सिर्फ मंदिर का नही
भक्तो के विश्वास की कहानी है
राम नाम जपते जपते
हो गया ये कल्याण है
ये रामायण का इतिहास है
जो हम सबका सौभाग्य है
जितना समझ रहे हो ये पूजन
उतना ही आसान नही था
खातिर इसके हमने जो खोया
वो माओं के कलेजे का दीपक था
कई पीढ़ियाँ खपी तो खपी
सैकड़ो ने जान गवाई है
सात पीढ़ी तर जाएं इसके खतिर
राम नाम की गुहार लगाई है
सनातनी को राम का ,आमंत्रण है
मन्दिर में भगवा फहराने का
एक गुजारिश अन्जनी की
मन्दिर के नाम का एक
हर कोई एक दीप जला देना
भूमि पूजन पर अपनी
हाजरी तुम लगा देना।
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