श्रीनगर
पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया था। इसके बाद घाटी में दूसरा स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए संवैधानिक बदलाव से जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हुए और विकास का दौर शुरू हुआ।
केंद्र का मकसद- पारदर्शिता लाना और लोकतंत्र की मजबूती
संबोधन में सिन्हा ने कहा कि केंद्र सरकार का मकसद शासन में पारदर्शिता लाना, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना, लोगों का कल्याण, विकास के कामों में तेजी और रोजगार लाना है। उपराज्यपाल ने कोरोना के बचाव में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 25 लाख रु अतिरिक्त के हेल्थ कवर का भी ऐलान किया।
सिन्हा के मुताबिक, नई मूलनिवासी नीति (डोमिसाइल पॉलिसी) और आरक्षण नीति केंद्र शासित प्रदेश में पाकिस्तान से आए शरणार्थी, पहाड़ी बोलियां बोलने वाले और कश्मीर के बाहर शादी करने वाली महिलाओं को बराबरी और न्याय मिल सकेगा।
सिन्हा ने अपने संबोधन में कश्मीर के इतिहास को बताने वाली कल्हण की राजतरंगिणी, शंकराचार्य के अद्वैत, इस्लाम के सूफीवाद और महायान बौद्ध का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अलग-अलग विचारधाराओं ने इस धरती पर शांति स्थापना और मिल-जुलकर रहने की भावना को बढ़ाया।
सुरक्षा के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया था
जम्मू-कश्मीर में परंपरा का निर्वहन करते हुए 14 अगस्त को 5 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया था। हालांकि, वॉइस कॉलिंग शुरू रखी गई थी।
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