लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेता ने शनिवार को ब्राह्मणों को रिझाने के लिए भगवान परशुराम की लखनऊ में 108 फिट ऊंची मूरत बनवाने का ऐलान किया। उनके इस फैसले पर राजनीति फिर गरमा गई है। जिसको लेकर कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने इसे महज ब्राह्मणों का वोट हथियाने का हथकंडा करार दिए। उनका कहना था कि अखिलेश जी बताए कि ब्राह्मणों से सच्ची हमदर्दी है या पिता पुत्र के प्रायश्चित का नतीजा है।

अयोध्या में राम जन्मभूमि के शिलान्यास के बाद अब भगवान पर राजनीत तेज हो गई। भगवान राम के मंदिर निर्माण का भाजपा ने जिस तरह से अपने पक्ष में माहौल बनाया है उसके बाद अब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी भगवान के नाम पर राजनीति की बिसात बिछा दी।
अखिलेश यादव ने प्रदेश के ब्राह्मणों के वोट बैंक को रिझाने के लिए भगवान परशुराम की 108 फिट ऊंची प्रतिमा लगाने का ऐलान किया है। इस पर कन्नौज से भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश जी ये बताए कि ये ब्राह्मणों का वोट बैंक हथियाने का हथकंडा है या पिता पुत्र का प्रायश्चित है। पाठक का कहना है कि सपा काल में ब्राह्मणों पर हुए अत्याचार को कोई नहीं भूला है। अब चुनाव नजदीक आए हैं तो उनको ब्राह्मण याद आ गए। जो हमेशा से उनके हाशिए पर रहे।
ब्राह्मण की हत्या का कलंक है सिर पर
वर्ष 2004में कन्नौज में लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने के प्रयास का विरोध करने पर नीरज मिश्रा की हत्या करा दी थी। पाठक का आरोप है कि नीरज मिश्रा की हत्या का आरोप अखिलेश यादव पर लगा था लेकिन राजनीत मजबूती के कारण वो बच गए थे।
ब्राह्मणों से कोई लेना देना नहीं
भाजपा सांसद ने आरोप लगते हुए कहा कि सपा सरकार में मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने सुल्तानपुर जिले के इतौली विधायक अबरार अहमद से ये संदेश दिलाया था कि कोई भी ब्राह्मणों कि मदद ना करे। उनसे हमारा कोई लेना देना नहीं है। हमारा कोई भी विधायक ब्राह्मणों का ध्यान रही रखेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूरे परिवार को घुमाया था नंगा करके
सुब्रत पाठक ने पूर्व मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि आपके ही ग्रह जनपद में एक ब्राह्मण परिवार को नंगा करके घुमाया गया था। इसी से आपके प्रेम का पता चलता है। सुब्रत पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार ने है नकल को बढ़ावा देकर खास तौर पर ब्राह्मणों को अपमानित करने का काम किया था और अपने लोगों को बिना प्रतिभा के है उच्चस्थ पदों पर बैठा दिया।
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