उत्तर प्रदेश में संविदा नौकरियों में पांच की नीति का विरोध जताते हुए सत्तारूढ़ सरकार के भाजपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी को पत्र लिखा है। गोरखपुर क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य ने पत्र में यूपी सरकार द्वारा समूह-ख और ग की नौकरियों में पांच साल की संविदा नीति पर सवाल उठाते हुए ऐसा न करने की बात लिखी है।
एमएलसी ने पत्र में लिखा इस मामले में वह युवाओं के साथ है। उन्होंने कहा इस नियमावली के लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचने की संभावना है। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने पत्र में लिखा कि, नई प्रस्तावित सेवा नियमावली के आने से सरकारी सेवाओं में नियुक्ति होने वाले नौजवानों का शोषण बढ़ेगा।
पत्न में कहा है कि नवनियुक्त कर्मचारी पांच साल के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे। पत्र में कहा गया है कि यह नियमावली अधिकारी वर्ग नई सेवा को तरह-तरह से शोषण का औजार बना सकती है। इस पर सरकार को विचार करना चाहिए।
कर्मचारियों में डर बना रहेगा
पत्र में एमएलसी ने योगी सरकार के समूह ख और ग की सभी परीक्षाओं में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। जिसमें शुरुआत के पांच साल संविदा के आधार पर नियुक्ति करने की योजना है। इसके तहत पांच साल में अगर कार्य प्रदर्शन अच्छा नहीं रह तो हटाए जाने का डर बना रहेगा।
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