लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। खरगापुर सरस्वतीपुरम गोमतीनगर विस्तार निवासी बृजभुवन चौबे की तहरीर पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, उनके बेटे अनिल प्रजापति, दुष्कर्म पीड़िता व एक अज्ञात के खिलाफ गुरुवार देर शाम को थाने में जालसाजी, धमकी और अभद्रता की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पीड़ित बृजभुवन चौबे गायत्री की कंपनी में डायरेक्टर थे।
आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराने वाली चित्रकूट निवासी महिला से सांठगांठ कर ली थी। पीड़ित ने सभी पर उनकी करोड़ों की जमीन दुष्कर्म पीड़िता के नाम करने व उनसे रुपए ऐंठने का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री के बेटे ने दुष्कर्म मामले में बयान बदलने के लिए दो करोड़ रुपये भी महिला को दिए थे। बावजूद इसके महिला की मांग बढ़ती गई।
बृजभुवन चौबे के मुताबिक गायत्री और उनके बेटे अनिल ने खरगापुर स्थित उनकी जमीन भी महिला के नाम करवा दी थी। पीडि़त के मुताबिक आरोपितों ने उसे कंपनी के निदेशक पद से बिना वेतन दिए हटा दिया और कई कागजातों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करा लिए थे।
वकील को धमकाया गया था,पैरवी बंद कर दो
11 सितम्बर को गाजीपुर थाने में पीड़िता के वकील दिनेश त्रिपाठी के द्वारा गायत्री और पीड़िता व उसकी बेटी पर दर्ज कराई गई एफआईआर दर्ज कराई थी। वकील ने आरोप लगाया गया है कि पीड़िता ने गायत्री पर रेप का मुकदमा लिखवाने के बाद कोर्ट में पैरवी करना बंद कर दिया था।
पीड़िता के मोबाइल से गायत्री ने जेल में रहकर वकील को धमकाया तक कि कोर्ट में पैरवी करना बंद कर दो। वकील ने दर्ज कराई एफआईआर में आरोप लगाया कि रेप का आरोप लगाने वाली महिला पलट गई है, पक्ष द्रोही हो गई है, गायत्री ने उसको खरीद लिया है और अब दोनों मिलकर उसकी जान लेना चाहते हैं।
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