संवाददाता (इंडेविन टाइम्स)
हरदोई। आज के दौर में बेटियों बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रही हैं। अपने कठिन परिश्रम व लगन से उन्होने पताका फहराई है। अपने पिता के चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव देखने के लिये एक बिटिया ने अपनी उंगलियों को कैनवास पर ऐसा घुमाया कि आज वो उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी पेंटिग का जादू बिखेर रही है।
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई के बावन ब्लाक के ग्राम तव्यौरा निवासी स्टांप वेंडर अशोक श्रीवास्तव की पांचवी सन्तान रोली श्रीवास्तव की। रोली तीन बहनों में सबसे छोटीं हैं। पिता अशोक बताते हैं कि रोली बचपन में मिट्टी में लकड़ी का छोटा सा टुकड़ा लेकर कुछ न कुछ आकृतियां उकेरती रहती थी। मात्र सात वर्ष की आयु में जब रोली ने मिट्टी के अलावा कागज पर मां की आकृति को बनाया तो घरवाले इस प्रतिभा को देखकर अचंम्भित रह गये। अपनी इसी कलात्मक क्षमता के कारण रोली पूरे देश में आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में सम्मानित होती रही हैं। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की पेंटिग पर उन्हें बेस्ट आर्टिस्ट एवार्ड मिला। रोली ने अपनी बहन को सामने बैठाकर उनकी भी पेंटिग बनायी। इस पेटिंग पर उन्हें गोल्ड मेडल मिला।
रोली श्रीवास्तव ने इंडेविन टाइम्स को बताया कि बेटियां स्वयं को अबला न समझें बल्कि दुर्गा समझें। ईश्वर ने नारियों को असीम शक्ति प्रदान की है। अपने हुनर को पहचाने, परिवार की सहमति से हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास करें। एक समय आयेगा जब आपको भी बिटिया होने पर गर्व महसूस होगा। रोली श्रीवास्तव को अब तक कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
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