हरिकेश यादव (संवाददाता इंडेविन टाइम्स)
अमेठी।
मामला जनपद अमेठी के ग्राम सोनारी परगना आसल का है जो लगभग 40 वर्षों से ग्राम चकबंदी में है। वहां पर काश्तकार अशोक कुमार पांडे पुत्र राम शंकर पांडे आदि की चक संख्या 573 प्रथम व गाटा संख्या 4094 के पश्चिमोत्तर मेड़कौला राम अवतार पुत्र राम लौट जो गाटा संख्या 4069 का सहारा लेकर उनके गाटा संख्या 4068 व 4094 में निर्माण करना चाहते हैं । पूर्व में कई बार पैमाइश हुई परंतु उनकी व्यक्तिगत पैरवी पर किसी तरह उनका मकान तो बचा दिया जाता है। लेकिन बॉर्डर पर सही सीमांकन ना कर काश्तकार अशोक पांडे के चक में दरवाजा आदि कर दिया गया जिस को लेकर विवाद हुआ । अशोक कुमार पांडे के पास उपलब्ध रिसर्बे सीट व मैप के आधार पर विपक्षी का मकान उनके चक में ही बन रहा है। उनके घर व चक के बीच में स्थित काश्तकार अशोक पांडे का गाटा संख्या 4094 में दर्ज 14 बिस्वा 3 धूर को हड़प करने की नीयत से दोनों तरफ से घेराबंदी की जा रही है ।रामअवतार द्वारा दिनांक 26/02/ 2020 को एस ओ सी द्वारा मकान निर्माण अनुमति तो प्राप्त जरूर है ।लेकिन अशोक पांडे द्वारा दिनांक 19/01/2019 को एस ओ सी को उपलब्ध कराए गए कैबिएट प्रार्थना पत्र के आधार पर दिनांक 06/03/2020 को किए गए बाद दायरा के आधार पर दिनांक 26/02/2020 के मकान निर्माण अनुमति आदेश के विरुद्ध स्थगन आदेश भी है। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते अभी उक्त बाद दायरे पर सुनवाई ही नहीं हो पा रही है ।परंतु विपक्षी के पुत्रगण पहले तो थाना पीपरपुर को हमवार कर कई बार निर्माण का प्रयास किये। परंतु सफल न होने पर चकबंदी विभाग के अधिकारियों को अनुचित दबाव एवं अनुचित प्रलाभ से ग्रसित कर बाद दायरा एवं स्थगन आदेश के उपरांत चकबंदी अधिनियम के विरुद्ध ग्रीष्म ऋतु के बजाय बरसात में खड़ी फसलों के मध्य अनियमित पैमाइश कराई जा रही है । जबकि एस ओ सी द्वारा संशोधित आदेश अपील संख्या-5 टी.वी. 2016 दिनांक 13-05-2019 समेत कई संशोधित आदेशों की पैमाइश अभी तक नहीं हो सकी। जबकि इसी न्यायालय में एस ओ सी महोदय के यहां बाद दायरा व स्टे होने के उपरांत विधि विरुद्ध पैमाइश कराई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि अधिकारियों के अनुचित दबाव एवं अनुचित प्रलाभ से ग्रसित कर सिंगल पैमाइश की जा रही है जो नियम के विपरीत है।उक्त अनियमित पैमाइश पर तत्काल रोक लगाने एवं प्रकरण में उचित कार्यवाही हेतु सोनारी गांव के ही अशोक कुमार पांडे, वासुदेव पांडे, अवध नारायण पांडे, चंद्र देव पांडे आदि ने उक्त प्रकरण की शिकायत मा. मुख्यमंत्री समेत शासन प्रशासन से की है।