प्रिंस रस्तोगी, लखनऊ
कण कण में बसे रामहि राम|
कबीरा के भौहारी राम ||
तुलसी के अवतारी राम |
मानस मंदिर मे बसें हैं राम ||
उर बसै अनादि रामहि राम|
हर मानसि मा तत्व सामान ||
दशरथ नंदन है राजा राम |
रामहि रामहि नामहि रामा ||
कण कण में बस नाम ही राम|
जीवन अविरल जलधारा राम ||
सत्य सनातन धर्म-कर्म है राम|
वह कर्मशील पथ राजा राम ||
धरती ,जाल,आकाश,अनल गुण |
पुहुप समीर सुगंध अरूपं राम||
हमरे राम हैं तुम्हरे राम |
नदियन नदियन जो अरुप,अनूपं |
सरिता-सागर मिलन अनूपं ||
आदि-अंत है रामहि राम|
कण कण में बसे रामहि राम ||
तुम्हरे राम हैं हमरे राम |
राष्ट्र राम हैं सबमें राम||
बाहरि राम हैं अंदरि राम |
कण कण में बसे रामहि राम||
राष्ट्र राम जय राजा राम |
हम सबमे बसे रामहि राम ||
राष्ट्र राम हैं राजा राम |
निर्गुण-सगुण राष्ट्र है राम ||
Acchi kavitayn
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