सुरेश कश्यप (इंडेविन टाइम्स)
लखनऊ।
इस वैश्विक महामारी में उत्तर प्रदेश सरकार व निजि शैक्षणिक संस्थाओं से लखनऊ की संस्था ‘एक आवाज एक मिशन’ ने बच्चों की फीस माफी की अपील की। संस्था के संयोजक राकेश तिवारी ने सोसल डिस्टेंसिग को ध्यान में रखते हुये जल सत्याग्रह किया। इस दौरान उन्होने कहा कि कोविड 19 महामारी व लाकडाउन के समय उत्तर प्रदेश के लगभग 23 करोड़ मध्यवर्गीय जनता की रोजी-रोजगार सब छिन गया है। ऐसे में मध्यवर्गीय अभिभावक बच्चों की फीस कहां से दें। बहुत से अभिभावक ऐसे भी हैं जिनके घरों में खाने तक की किल्लत बनी हुई है। वे पहले अपने परिवार को खिलाने की व्यवस्था करें या फीस जमा करें? लेकिन इन शिक्षा माफियाओं के लिये न तो हाईकोर्ट न सरकार का आदेश मायने रखता है। शिक्षा माफिया अध्यापकों के नाम पर अभिभावकों का शोषण करते हुये ऑनलाइन क्लास कराने के नाम पर फीस की वसूली कर रहे हैं। इन निजि शैक्षणिक संस्थाओं की जांच कराई जाये तो ये तथ्य सामने आयेगा कि ये अपने अध्यापकों को नौकरी से निकाल चुके हैं। उन सभी प्राइवेट अध्यापकों के सामने भी रोजगार बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। इंडेविन टाइम्स से बात करते हुये उन्होने बताया कि मैं उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग करता हूं कि जब तक स्कूल न खोले जाये तब तक फीस माफ की जाये। जिस से कि प्रदेश के करोड़ों मध्यवर्गीय अभिभावकों को राहत मिल सके। साथ ही साथ सरकार से यह मांग भी करते हैं कि महामारी के इस दौर में जनता की समस्याओं को देखते हुये बिजली बिल से सरचार्ज माफ कर दिया जाये। जल सत्याग्रह में रूद्राक्ष वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित श्रीवास्तव ने भी अपना समर्थन देते हुये कहा कि आज एक आवाज एक मिशन द्वारा जल सत्याग्रह की जो मांग की जा रही है, वो जनता के हित में है। मैं इसका पूरा समर्थन करता हूं। इस अवसर पर संस्था के सहसंयोजक प्रेम तिवारी, मुगले आजम, दिलीप गौर, राज रावत, डा0 पूजा यादव, पंकज पाठक, बलराम चौरसिया, विनय मिश्रा, रिंकी पाल सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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