अमेठी।
चकबंदी प्रक्रिया भगवान भरोसे अमेठी में चल रही है। बीस वर्षो से चकबंदी के गांव आज भी अंतिम पडाव पर नही पहुच पाये। जब कि तीन विधायक और दो सांसद अपना कार्यकाल पूरा करने के कगार पर है। बसपा सरकार जाने के बाद सपा की सरकार आयी और सपा की सरकार जाने के बाद भाजपा की सरकार दौड़ रही है ।भय मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा मुख्यामंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे है लेकिन भ्रष्टाचार इतना चरम पर है और प्रभावशाली कर्मचारी अधिकारी को नही सुन रहे है। चकबंदी विभाग अमेठी तहसील मे चल रहा है जहा पर सहायक चकबंदी पारसनाथ की तैनाती है। इनके पेशकार ज्ञान प्रकाश पांडेय है। इनकी हाल यह है कि किसानों का काम करने को राजी नही और न ही फोन उठाने को तैयार है ।विभागीय कर्मचारी भी पेशकार के कारनामें से परेशान हैं चकबंदी गांव के वरासत, वसीयत, तथा खारिज दाखिल के मामलें में समय से काम करने को कर्मचारी तैयार नही है। और रिश्वत ऐसी चीज है जो समय पर काम करने के बाद रिश्वत के सहारे काम को अंजाम दिया जाता है ।यही श्रृखला चकबंदी विभाग में चल रही है शहर का सटा हुआ गांव सरवनपुर और खेरौना बीस वर्षो से चकबंदी प्रक्रिया में लंबित है अभी धारा 52 का प्रकाशन चकबंदी अधिकारी नही करा सकें। शहर के किनारे गांव होने के नाते नजराने और रिश्वत का खेल रईस लोग चला रहे है, जिनके हाथ की कठपुतली बने चकबंदी विभाग के अधिकारी नाचने को मजबूर है।
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(फोटो-अधिकारी मौजूद पेशकार सहित अन्य कर्मचारी नदारद) |