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निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर बिजली कर्मचारी, नोएडा से बलिया तक हाहाकार

 लखनऊ

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने सोमवार पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान फॉल्ट की मरम्मत सहित उपभोक्ता सेवाओं से जुड़े कामकाज प्रभावित रहे। यहां तक कि ऊर्जा मंत्री के आवास सहित कई इलाकों में बिजली संकट रहा। इस बीच ऊर्जा प्रबंधन और जिला प्रशासन ने बिजली सप्लाई बहाल रखने के लिए पुलिस के पहरे के साथ कई वैकल्पिक इंतजाम किए, लेकिन फॉल्ट के आगे सभी फेल हो गए। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी किसी भी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकते हैं।


लखनऊ के गोमतीनगर से आने वाली 33 केवी लाइन में ब्रेकडाउन से कूपर रोड उपकेंद्र की सप्लाई बंद हो गई। उपकेंद्र से संचालित कालिदास मार्ग, गौतम पल्ली, 28-पार्क रोड सहित मुख्यमंत्री आवास के आसपास के इलाके में सुबह 11:40 से दोपहर 1:10 बजे तक बिजली सप्लाई ठप रही। इससे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित कई वीवीआईपी आवासों पर करीब 1:30 घंटे बत्ती गुल रही। सूचना पर पहुंचे निदेशक तकनीक ने शटडाउन लेकर दूसरे सोर्स से आपूर्ति बहाल करवाई।

बिजली कटौती की शिकायतों से पटा ट्विटर, कई जगह 24 घंटे से बिजली गुल
यह तो सिर्फ एक बानगी है। सोशल मीडिया और खासकर ट्विटर बिजली कटौती की शिकायतों से भरा पड़ा है। मगर ऊर्जा मंत्री से लेकर, अधिकारियों और सांसद-विधायकों के पास इन शिकायतों का कोई जवाब नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया तक बिजली कटौती से हाहाकार मचा है। कई जगह बिजली कटौती के 20-24 घंटे बीत गए हैं, मगर कोई सुध लेने वाला नहीं है।

कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में निकाला कैंडल मार्च
निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मियों ने शक्तिभवन से जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा स्थल तक कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष छोटे लाल दीक्षित ने कहा कि प्रबंधन को निजीकरण का अड़ियल रवैया छोड़कर व्यवस्था सुधारने का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा संविदा बिजलीकर्मियों ने विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक को ज्ञापन देकर समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की। इस दौरान यूपी पावर एवं निविदा संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र पांडेय ने मांग उठाई कि संविदाकर्मियों को मस्टररोल के तहत सीधे विभाग से वेतन भुगतान किया जाए। इसके अलावा ईपीएफ, ईएसआई के नाम पर बीते 19 साल में हुए घोटाले की जांच करवाई जाए।

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने के लिए अफसर अलर्ट

बिजली कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल को लेकर पुलिस और प्रशासन के अफसरों को अलर्ट कर दिया गया है। इस दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के लिए शासन ने विशेष सचिव सत्य प्रकाश उपाध्याय को कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अलावा जिलों के अफसर हड़ताल करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखे हुए हैं। प्रदेश के सभी जिलों में बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर हैं। विद्युत व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए शासन ने मंडलायुक्त, जिलों के डीएम और पुलिस अफसरों को अलर्ट कर दिया है। कर्मचारियों के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई से बचने की सलाह दी गई है। वहीं इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारी किसी भी समय अनिश्चितकालीन हड़ताल और जेल भरो आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

बिजली विभाग में ड्यूटी लगाने पर डिप्लोमा इंजिनियरों का विरोध
बिजली कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के दौरान उनकी जगह डिप्लोमा इंजिनियरों की ड्यूटी लगाई जा रही है। डिप्लोमा इंजिनियरों ने इस फैसले के विरोध के साथ बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। राजभवन रोड स्थित महासंघ कार्यालय में सोमवार को हुई बैठक में उप्र डिप्लोमा इंजिनियर्स संघ- लोक निर्माण के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि लोक निर्माण समेत ज्यादातर विभागों के इंजिनियर बिजली के काम के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। ऐसे में उन्हें ड्यूटी पर लगाना खतरनाक है।

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