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वोडाफोन आइडिया और नासकॉम फाउंडेशन ने भारत में महिला सुरक्षा के लिए एक ऐप-आधारित समाधान "माय अंबर" लॉन्च किया है

Friday, October 23, 2020

/ by Dr Pradeep Dwivedi

 

नई दिल्ली। 

नासकॉम फाउंडेशन, सेफ्टी ट्रस्ट, और यूएन वुमन के साथ मिलकर वोडाफोन आईडिया लिमिटेड की सीएसआर विंग वोडाफोन आइडिया फाउंडेशन ने आज 'माय अंबर' (माई स्काई) ऐप के लांच की घोषणा की, जो विशेष रूप से भारत में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए डिज़ाइन और विकसित किया गया समाधान है। 'कनेक्टिंग फॉर गुड प्रोग्राम ’के तहत विकसित किए गए माय अंबर ऐप का उद्देश्य महिलाओं को अपने खिलाफ होने वाली हिंसा को समझने और उसका विरोध करने में मदद करना है।माय अंबर ऐप अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उपलब्ध है। यह न केवल महिलाओं को देश भर में महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों और सेवा प्रदाताओं की जानकारी देता है, बल्कि उन्हें स्टेप-बाय-स्टेप रिस्क असेसमेंट टूल के जरिए उनकी वर्तमान स्थिति से निपटने के विभिन्न तरीकों बताकर उनका मार्गदर्शन भी करता है। इसकी व्यापक सेवा निर्देशिका भी उन्हें सिर्फ एक क्लिक पर कानूनी और परामर्श सेवाओं तक पहुंचने में मदद करती है।

माय अंबर ऐप एक माध्यम है, जिसके जरिए देश भर में महिलाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं अपने हाथों में ले सकती है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के चीफ रेगुलेटरी एंड कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर श्री पी बालाजी ने कहा, “वोडाफोन आइडिया सस्टेनेबल सोलूशन्स के जरिए समाज में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए अपनी तकनिकी क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि जब आप किसी भी समाज में एक महिला को शिक्षित, सशक्त या समर्थ बनाते हैं तो आप उसके पूरे परिवार के साथ ही उस समाज के मौजूदा इकोसिस्टम को भी प्रभावित करते हैं, जो आगे चलकर पूरे देश के समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखते हुए, मुसीबत के समय में महिलाओं की मदद करने के लिए एक मंच पर सभी जरुरी जानकारियां और संबंधित सहायता की सुविधा प्रदान करने वाले माय अंबर ऐप को लांच करते हुए बेहद खुश हैं। नासकॉम फाउंडेशन और अन्य हितधारकों के साथ हमारा जुड़ाव महिलाओं को शिक्षित करने के लिए इस प्रयास को फैलाने और बढ़ाने में मदद करेगा, उन्हें अपने आस-पास के खतरों को समझने और पहचानने में मदद करेगा। इसके साथ ही चिकित्सा, कानूनी और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सही जानकारियां भी प्रदान करेगा। "

लॉन्च पर नासकॉम फाउंडेशन के सीईओ अशोक पामिडी ने कहा, “दुनिया भर में तीन में से एक महिला शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है। भारत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार  2019 में महिलाओं के खिलाफ 4 लाख से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। ये सिर्फ आधिकारिक संख्या हैं और हम सभी जानते हैं कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा होंगे जिनकी कोई रिपोर्ट नहीं की गई होगी। इस तरह के मामलों में रोकथाम और पीड़ितों के स्वास्थ्य लाभ में उनका साथ देना दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। महिला शिक्षा, सशक्तीकरण और उत्थान की दिशा में काम करते हुए नासकॉम फाउंडेशन हमेशा समावेशी समाज के समर्थन में रहा है।

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